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रघुवर दास का RJD पर तंज, 'लालू राज में अपहरण उद्योग बन गया था बिहार'

चुनाव नजदीक आते ही कुछ लोग मेंढक की तरह जातिवार की राजनीति को लेकर टर-टर करने लगेंगे. लेकिन याद रहे जाति के आधार पर वोट नहीं करना है. जाति के आधार पर वोट मांगने वाले लोग चुनाव के बाद नजर नहीं आते हैं.

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Published : Sep 19, 2020, 11:10 PM IST

गोपालगंजः प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. जिले लेकर क्षेत्रों में नेताओं का दौरा शुरू हो गया है. इसी क्रम में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास गोपालगंज पहुंचे. यहां उन्होंने शहर के साइंस कॉलेज में आयोजित जन संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया. जिसमें कांग्रेस और आरजेडी पर जमकर हमला बोला.

जन संवाद कार्यक्रम में शामिल लोग

कांग्रेस और आरजेडी ने बिहार का खजाना लूटा
रघुवर दास ने कहा कि आजादी के बाद से बिहार में ज्यादातर समय तक कांग्रेस और आरजेडी की सरकार रही. जिसमें जनता को भ्रष्टाचार और कुशासन का सामना करना रहा. उस दौरान प्रदेश विकास से वंचित रहा. लालू प्रसाद 15 सालों तक गवंई आदाज में भोली-भाली जनता को हंसाकर खजाने को लूटने का काम किया. जातिवाद की राजनीति की और राजनीति के अपराधीकरण कर दिया. इसी क्षेत्र में अपहरण उद्योग बन गया था. जिस वजह से व्यावसायी बिहार छोड़कर जाने लगे थे. कांग्रेस और आरजेडी ने गौरवशाली इतिहास वाले बिहार को पूरी दुनिया में बदनाम कर दिया.

'जनता ने चाय बेचने वाले को सौंपी सत्ता'
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद इस देश में एक गरीब घर का बेटा पीएम बना. एक चाय बेचने वाले को इस देश की 130 करोड़ जनता ने दुनिया का सबसे बड़े लोकतंत्र का सत्ता सौंप दी. एक गरीब के बेटे को सत्ता नहीं मिले इसके लिए कांग्रेस और वामपंथ सहित अनेक राजनीतिक संगठनों ने साजिश रची. लेकिन देश की जनता केंद्र की यूपीए सरकार से निराश और हताश थी. जनता विकास की उम्मीद नें नरेंद्र मोदी को सरकार चलाने का मौका दिया. पहली बार गैर कांग्रेसी दल को पूर्ण बहुमत मिला था.

पेश है रिपोर्ट

'जाति के आधार पर नहीं करें वोट'
रघुवर दास ने कहा मोदी जी पीएम बनने के बाद बिहार के विकास के लिए लगातार तत्पर हैं. पीएम बिहार के विकास के लिए कई योजनाएं लाई है. दास ने कहा कि चुनाव नजदीक आते ही कुछ लोग मेंढक की तरह जातिवार की राजनीति को लेकर टर-टर करने लगेंगे. लेकिन याद रहे जाति के आधार पर वोट नहीं करना है. जाति के आधार पर वोट मांगने वाले लोग चुनाव के बाद नजर नहीं आते हैं.

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