गोपालगंज: उत्तर बिहार पूरी तरह बाढ़ से प्रभावित है. राज्य में लोग बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं. ईटीवी भारत लगातार बाढ़ की स्थिति पर ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा है. जिला मुख्यालय गोपालगंज से करीब 35 किलोमीटर दूर बरौली प्रखण्ड के पिपरा गांव की स्थिति काफी दयनीय है. इस गांव के चारो ओर पानी ही पानी दिखाइ देता है. लोगों का आवागमन कमर और घुटने तक पानी पार कर करना पड़ता है. बावजूद इस गांव में प्रशासनिक सुविधाएं नहीं पहुंच सकी है.
बाढ़ के पानी के बीच लोग घिर गए बाढ़ के पानी के बीच घिरे लोग
बता दें कि 23 जुलाई की रात आई विनाशकारी बाढ़ ने पांच प्रखण्ड में अपना कहर ढाया है. लेकिन गंडक नदी के जलस्तर कम होने के बाद पानी कुछ कम हुई. जिससे लोगों को राहत मिलने की आसार दिखे, लेकिन फिर वाल्मीकि नगर बराज से छोड़े गए करीब 2 लाख क्यूसेक पानी ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है और एक बार फिर बाढ़ के पानी के बीच लोग घिर गए है. ग्राउंड रिपोर्ट के लिए बरौली प्रखंड के पिपरा गांव पहुंचे ईटीवी भारत संवाददाता द्वारा जानकारी मिली कि अब तक ग्रामीणों को कोई भी प्रशासनिक सुविधा नहीं मिल पाई है.
कमर भर पानी में आने-जाने को मजबूर
बाढ़ प्रभावित लोगो का कहा है कि कई दिनों से हम लोग इसी पानी के बीच रहने को विवश है. प्रशासन की ओर से किसी भी तरह की मदद नहीं मिल पाई है. इलाके में बाढ़ के पानी से पूरी तरह से आवागम बाधित हो गया है. जिससे हम लोगों को कमर भर पानी में आना-जाना पड़ता है. बाढ़ की वजह से खाने-पीने की भी दिक्कत हो रही है. लेकिन सरकार की ओर से किसी भी तरह की सुविधा मुहैया नहीं करया गया है. ऐसे में हम लोग भी क्या कर सके है.
ग्रामीणों को कोई भी प्रशासनिक सुविधा नहीं बाढ़ के पानी में रहने को विवश
बता दें कि इस गांव में कई लोगों के मकान ध्वस्त हो गए. जिस कारण से लोग अपने घरों को छोड़कर ऊंचे और सुखे स्थानों पर पलायन कर रहे है या फिर इसी पानी के बीच में गुजर बसर करने को मजबूर है. इस गांव के लोगों की जीवन समाजिक लोगों और सामाजिक संगठनो के भरोसे चल रहा है. बाढ़ प्रभावित लोगों को सामाजिक संगठनो के द्वारा खाने-पीने के समान दे कर मदद कर रह है.
बरौली प्रखंड के पिपरा गांव पहुंचे ईटीवी भारत संवाददाता बीमार लोगों की स्थिति दयनीय
हांलाकि यहां के लोगों की समस्याएं लगातार दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है. जरुरी समानों के लिए लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. दवा, इलाज की व्यवस्था नहीं होने के कारण बीमार लोगों की हालत काफी दयनीय हो जाती है.