गोपालगंज: नेपाल के तराई क्षेत्रों में हों रही बारिश के कारण गंडक नदी ( Gandak River ) के जलस्तर में एक बार फिर तेजी से वृद्धि हुआ है. वहीं बाल्मीकि बराज ( Valmiki Barrage ) से 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद जिले के मांझा व सदर प्रखंड ( Gopalganj Sadar Block ) के कई गांव बाढ़ ( Flood In Bihar ) की चपेट में आ गए हैं. बाढ़ पीड़ितों को नाव उपलब्ध नहीं कराने के कारण लोग जान जोखिम में डाल कर पानी पार कर आवागमन करते हुए नजर आ रहे हैं.
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दरअसल, मांझा प्रखंड के आधा दर्जन गांव जलमग्न हो चुके हैं. गांव से बाहर निकलने वाले सभी सड़कों पर पानी ( Flood Water ) भरा है, ऐसे में आने-जाने के लिए नाव ही एकमात्र सहारा है लेकिन प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों को नाव उपलब्ध नहीं कराने के कारण लोग जान जोखिम में डाल कर पानी पार कर आवागमन करते हुए नजर आ रहे हैं.
मांझा प्रखंड के निमुइया पंचायत के मंगुरहा गांव निवासी भगत मांझी का बच्चा बीमार पड़ गया उसे इलाज के लिए अस्पताल जाना था, लेकिन बाढ़ के कारण बाहर निकलने का कोई साधन नहीं था. ऐसे में भगत मांझी अपने दो बच्चों को कंधे पर बैठा कर सुबह आठ बजे से पानी के बीच चलते रहे. 8 किलोमीटर की दूरी तय कर मांझा के भैसहि बांध पहुंचे.