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गंडक के कटाव से बेघर हुए लोग, ध्वस्त होने के कगार पर सरकारी स्कूल - कटाव से बाढ़ पीड़ित परेशान

गोपालगंज के कटघरवा पंचायत के मंझरिया गांव के करीब 150 घर गंडक की गोद में समा गए हैं. जिससे बाढ़ पीड़ितों को काफी परेशानी हो रही है. वहीं लोग जान बचाकर एक सरकारी स्कूल में शरण लिए हुए हैं. लेकिन अब इस स्कूल पर भी खरता मंडराने लगा है.

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Published : Sep 15, 2020, 3:52 PM IST

गोपालगंजः सदर प्रखंड के कटघरवा पंचायत का मंझरिया गांव गंडक की गोद में समा गई है. गांव के लोग जान बचा कर सरकारी स्कूल में शरण लेकर जीवन गुजारने को विवश है. लेकिन तेजी से बढ़ रही कटाव के कारण सरकारी स्कूल पर भी खतरा मंडरा रहा है. वहीं प्रशानिक कार्रवाई हवा-हवाई हो रही है.

गंडक की गोद में समाया मंझरिया गांव
दरअसल, गोपालगंज बाढ़ प्रभावित जिला माना जाता है. बाढ़ की विभीषिका का दंश झेलने के बाद दियारा इलाके के लोग अब कटाव की परेशानी झेल रहे हैं. गंडक नदी लगातार कटाव करते हुए मंझरिया गांव के लोगों का घर अपने आगोस में ले ली है. गंडक की गोद में समाए घरों के कारण ये लोग गांव के स्कूल में शरण लिए थे. लेकिन अब स्कूल पर भी खतरा मंडराने लगा है. लगातार गंडक नदी कटाव करते हुए अपना पांव पसार रही है. लेकिन प्रशानिक मदद इन लोगों के पास नहीं पहुंच रही है.

बाढ़ से हो रहा कटाव

कटाव से बाढ़ पीड़ित परेशान
ईटीवी भारत की टीम ने जब इन कटाव पीड़ितों का दर्द जानने दियारा इलाके की तरफ रुख किया, तो टीम के पहुंचते ही लोगों के दर्द छलक पड़े और रोते हुए पीड़ितों ने बताया कि कटाव में सब समान बह गया. कुछ नहीं निकाल पाए, बस जान बचा के भागे. अव तो खाने को भी मोहताज हो रहे हैं.

पेश है खास रिपोर्ट

मंझरिया गांव के करीब 150 घर पानी में डूबे
सदर प्रखंड कटघरवा पंचायत के मंझरिया गांव में करीब सौ से डेढ़ सौ घर हुआ करती थी. लेकिन अब सिर्फ पानी ही पानी दिखाइ दे रही है. गंडक नदी कटाव करते हुए कटघरवा पंचायत के सीमा तक पहुंच कर स्कूलों को भी अपने आगोस में लेने को उतारू है. ऐसे में स्थानीय लोगों में डर समा चुका है कि अब हम कहा जाएंगे, क्योंकि ना ही रहने को घर है और ना ही खाने के लिए अनाज.

पानी का बहाव

कटाव रोधी कार्य भी हवा हवाई
अगर बात करे प्रशासनिक कार्य की तो कटाव रोधी कार्य भी हवा हवाई साबित हो रही है. सिर्फ बांस बल्ली के सहारे कटावरोधी कार्य किये जा रहे है. कटाव से विस्थापित डरे व परेशान लोग आंदोलन का रास्ता भी अपना लिए है. वहीं लोग प्रशासन के रवैये के खिलाफ आक्रोशित है.

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