गोपालगंज: बिहार की बाढ़ प्राकृतिक आपदा नहीं है. इसे सरकार की बदइंतजामी ने बाकायदा दावत दी है. और सरकारी दावत में आई बाढ़, कई गावों को डूबाकर अपनी भूख मिटा रही है. और कम से कम बिहार के गोपालगंज के आई तस्वीरें तो यहीं गवाही दे रही है. गोपालगंज में मांझा प्रखंड के इमलिया गांव के लोगों की जिंदगी कैसे कट रही है आज हम आपको दिखाएंगे. लेकिन इस गांव में पहुंचना आसान नहीं था.
जिले के मांझा प्रखंड के इमलिया गांव के लोग बाढ़ की विभिषिका का दंश झेल रहे है. यहां के लोगों को ना ही प्रशानिक मदद मिल रही है और ना ही बाहर निकलने के लिए कोई नाव की व्यवस्था हो सकी है. मजबुरन यहां के लोग बाढ़ की पानी में ही रहने को विवश है.
नहीं मिली मदद
दरअसल, गोपालगंज जिला हमेशा ही बाढ़ की विभिषिका का दंश झेलता रहा है. हर साल की तरह इस साल भी गंडक नदी ने तबाही मचाकर ना जाने कितनों को बेघर कर दिया है. जिले के छः प्रखंडो में बाढ़ की तबाही का मजहर देखने को मिल रही है. वहीं बात करें मांझा प्रखंड के इमलिया गांव की तो इस गांव के लोग बाढ़ की विभिषिका का दंश इस कदर झेल रहे है कि इन्हें प्रशानिक मदद का आज भी इंतजार है. लेकिन फिर भी प्रशानिक मदद इनके पास अब तक नहीं पहुंची है.