गोपालगंजः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा संचालित सात निश्चय योजना में एक योजना 'हर घर नल का जल' भी है. लेकिन ये योजना जिले में दम तोड़ती दिख रही है. जिले के कई वार्डों में अभी तक नल का जल नहीं पहुंचा है. यहां के लोग आज भी चापाकल पर भी निर्भर हैं.
मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना में शामिल 'हर घर नल का जल' योजना के तहत पीएचईडी विभाग को इस वित्तीय वर्ष में जिले के 214 वार्डो में नल का जल पहुंचाने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन विभागीय फाइलों की मानें तो अभी तक महज 84 वार्डो में ही नल का जल पहुंच सका है. विभाग अपने लक्ष्य से काफी दूर दिख रहा है. हलांकि विभाग का दावा है कि फरवरी माह तक लक्ष्य को सत प्रतिशत पूरा कर लिया जाएगा.
चापाकल पर निर्भर हैं लोग
ईटीवी भारत जब इसकी पड़ताल करने गाउंड जीरो पर पहुंचा तो पता चला कि 8 प्रखंडों के महज 34 वार्डों में ही यह योजना पूरी हुई है, जबकि बांकी में काम चल रहा है. ऐसे में फरवरी तक लक्ष्य की प्राप्ति टेढ़ी खीर लगती है. ईटीवी भारत की टीम जब सदर प्रखंड के मानिकपुर गांव पहुंची तो यहां कई ऐसे वार्ड मिले, जहां के लोग आज भी चापाकल पर ही निर्भर हैं.
इस पंचायत के चापाकल के पानी की भी अपनी कहानी है. इसका पानी बर्तन में थोड़ी देर छोड़ देने से बर्तन पीला पड़ जाता है. पानी का इस्तेमाल जिस बाल्टी में किया जाता है, उसका भी यही हाल होता है. यहां तक की चापाकल के चबूतरे भी पानी से पीले पड़ गए हैं. ऐसे में यहां के लोगों की सेहत का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है.