नई दिल्ली/पटना :पटना हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी (Patna High Court Decision Challenged in Supreme Court) गयी है. गोपालगंज जहरीली शराब कांड मामले में 9 दोषियों के फांसी की सजा रद्द करने के हाई कोर्ट के फैसले को 'सुप्रीम चुनौती' दी गई है. एक सप्ताह पहले यानी 13 जुलाई को पटना हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया था. अब मामले में सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई करेगा.
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13 जुलाई को सुनाया गया फैसला :दरअसल, 2016 में गोपालगंज शराब कांड (Gopalganj Liquor Case) में 20 लोगों की मौत हो गई थी. कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी, उस मामले में पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने फैसला सुनाया था. कोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण निर्णय में जिले के खजूरबनी में जहरीली शराब से हुई मौत में 9 आरोपियों को फांसी की सजा से मुक्त कर दिया था. जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह और जस्टिस हरीश कुमार ने इस मामले में दायर अपीलों की सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे 13 जुलाई को सुनाया गया था.
इन्हें फांसी की सजा से मुक्त किया गया था : पटना उच्च न्यायालय ने जिन्हें फांसी की सजा से मुक्त किया था, उनमें छठू पासी, कन्हैया पासी, नगीना पासी, लाल बाबू पासी, राजेश पासी, सनोज पासी, संजय चौधरी और मुन्ना शामिल थे. अपीलकर्ता की ओर से अधिवक्ता विकास रतन भारती ने बताया कि इस मामले में कोर्ट ने प्रक्रियात्मक त्रुटियां पायी, जो परिस्थितिजन्य सबूत और गवाहियों में एकरुपता नहीं थी.
गोपालंगज में जहरीली शराब पीने से 20 की मौत : बता दें कि 15 मार्च 2016 की रात शराब खजुरबानी शराब कांड में 20 लोगों की मौत हुई थी. जिसमे 6 लोगों के आंखों की रोशनी गायब हो गई थी. इस घटना के बाद विभागीय स्तर पर कई पुलिस पदाधिकारियों पर गाज गिरी थी. तत्कालीन एसपी रवि रंजन कुमार ने नगर थाना के थानेदार सहित कुल 25 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था. नगर थाने में तैनात सभी पुलिस कर्मियों को हटाकर नए पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था. इस मामले में अगस्त 2016 में गोपालगंज के नगर थाना में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. पुलिस ने 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
9 को फांसी और 4 महिला दोषियों को उम्र कैद :शराब कांड के आरोपियों के घर को सील किया गया था. इस चर्चित मामले में विशेष न्यायालय उत्पाद सह द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में सुनवाई पूरी होने के बाद मार्च 2021 को गोपालगंज के उत्पाद विशेष कोर्ट सह एडीजे लव कुश कुमार ने 9 अभियुक्तों को फांसी की सजा और चार महिलाओं को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. इस आदेश के विरुद्ध पटना हाईकोर्ट में इन लोगों ने अपील दायर की थी. अपील पर हाईकोर्ट ने लंबी सुनवाई कर निर्णय सुरक्षित रख लिया था, जिस पर कोर्ट ने 13 जुलाई को निर्णय सुनाया थी.