गोपालगंजः बिहार के गोपालगंज (Gopalganj) जिले को गोलाल सदर प्रखंड के 6 पंचायतों के 21 गांव बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित हैं. इन प्रभावित पंचायत के कुछ लोग या तो अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ले चुके हैं तो कुछ लोग किराये के मकान में रहने चले गए हैं.
वहीं, बिना आश्रय के लोगों के लिए गोपालगंज जिला प्रशासन (Gopalganj District Administration) द्वारा सदर प्रखंड के जगीरी टोला पंचायत के राजोखर उत्क्रमित मध्यविद्यालय में कम्युनिटी किचन (Community kitchen) और आश्रय स्थल बनाया गया है. जिसमें दो पंचायत जगीरी टोला और कटघरवा पंचायत के 60 बाढ़ पीड़ित शरण लिए हुए हैं.
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होती है तकलीफ, नहीं मिलता दूध
दरअसल, इन बाढ़ पीड़ितों के लिए दोनों टाइम सिर्फ भोजन और दवाइयों की व्यवस्था की गई है. इस संदर्भ में आश्रय स्थल में रह रहे बाढ़ पीड़ित जगीरी टोला के सोना देवी ने बताया कि सिर्फ दोनों टाइम चावल, दाल, सब्जी खिलाई जाती है.
वहीं जगीरी टोला निवासी चंदा देवी की मानें तो उसका 1 वर्ष का बच्चा है. उसे दूध नहीं मिल पा रहा है. सिर्फ दोनों टाइम चावल, दाल, सब्जी मिल रहा है. बाढ़ में बिछावन भीग जाने के कारण प्लास्टिक बिछा कर सोना पड़ रहा है.
मवेशियों के लिए चारा भी नहीं
खाप मकसूदपुर गांव निवासी राम इकबाल ने बताया कि घर में बाढ़ का पानी घुस जाने के कारण सारा सामान भीग गया. एकाएक पानी आने के कारण कुछ सामान निकाल नहींं सके. सभी बिछावन भी भीग गए.
प्रशासन की तरफ से ना ही बिछावन की व्यवस्था की गई है और ना ही बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था है. मवेशियों के लिए चारे की भी व्यवस्था नहीं की गई. बिछावन नहीं मिलने के कारण पूरा परिवार प्लास्टिक बिछा कर सोने को विवश है.
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'रजोखर मध्यविद्यालय में कम्युनिटी किचन और आश्रय बनाया गया है. जिसमें दो पंचायत के 60 लोग रह रहे हैं. सभी बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन पानी, शौचालय, दवा, मवेशियों के लिए दवा की व्यवस्था की गई है. साथ ही जो बाढ़ पीड़ित आश्रय स्थल में नहीं रहते है उन्हें भी भोजन कराया जा रहा है.'-विजय कुमार, सदर सीओ