फिर चर्चा में आया खजुरबानी शराब कांड.. मुआवजे के बावजूद घिसट रही जिंदगी
छपरा में जहरीली शराब (chhapra spurious liquor case) पीने से हुई मौत के बाद बिहार में हंगामा मचा है. विपक्ष, सरकार से मृतक के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग कर रहा है. वहीं सरकार ने मुआवजा देने से इंकार कर दिया है. इस रस्साकशी में गोपालगंज का खजुरबानी शराब कांड एक बार फिर चर्चा में आ गया. खजुरबानी के पीड़ित किस हाल में हैं और सरकार द्वारा घोषित मुआवजे का क्या हुआ, पढ़िये विस्तार से.
खजुरबानी शराब कांडः
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Published : Dec 18, 2022, 8:22 PM IST
खजुरबानी शराब कांड के 6 साल बाद का हाल देखिए..
गोपालगंज :खजुरबानी जहरीली शराब कांड (Khajurbani hooch tragedy) के मृतकाें के परिजनों को 4 लाख और अंधे हो गये लोगों को 2 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की थी. सरकार ने मृतक के आश्रितों को 4 लाख रुपये तो दे दिये गए लेकिन इस कांड में आंखों की रोशनी गवां चुके लोग आज भी 2 लाख रुपये का इंतजार कर रहे हैं. जिले के सदर प्रखण्ड के खजुरबानी में हुए जहरीली शराब कांड में 19 लोगों ने अपनी जान गंवाई जबकि 5 लोगों के आंखों की रोशनी चली गई थी.
पीड़ितों के परिजनों ने क्या कहाः ईटीवी भारत की टीम ने खजुरबानी शराबकांड के मृतक अनिल राम के पत्नी के अलावे आंखों की रोशनी खो चुके बंधु राम और जहूर मियां से बात की. अनिल राम के पत्नी अमृता देवी ने बताया कि उनके चाचा बन्धु राम और पति ने साथ में शराब पी थी. बंधु राम के आंखों की रोशनी चली गई और पति अनिल राम की मौत हो गई थी. सरकार ने उसे 4 लाख रुपया दिया था. वहीं उसके बगल के घर में रहने वाले रामू राम की भी शराब पीने से मौत हो गई थी, उसके भी अश्रित बसंती देवी को 4 लाख रुपया मिला था. बुचुन साह, जहूर मियां, सियाराम साह, बंधु साह के आखों की रोशनी चली गई थी.
'रात में शराब पी थी. सुबह उठे तो आंखों की रोशनी चली गयी थी. सरकार ने मुआवजे की घोषणा की थी. कुछ मृतकों के परिजनों को तो मुआवजा दिया गया, लेकिन हमलोगों को अबतक मुआवजा नहीं मिला'-बंधु राम, पीड़ित
क्या था खजुरबानी शराबकांडः 16 अगस्त 2016 का काला दिन कोई नहीं भूल सकता. गोपालगंज में जहरीली शराब कांड (Gopalganj Poisonous Liquor Case) ने 19 लोगों की जान ले ली थी जबकि 6 लोगों के आंखों की रोशनी चली गई थी. इस घटना के साढ़े 4 साल बाद (5 मई 2021) गोपालगंज के एडीजे-2 कोर्ट ने दोषियों को सजा सुनाई थी. अदालत ने कुल 13 दोषियों में 9 लोगों को फांसी और चार महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. वहीं पटना हाईकोर्ट (Patna High Court ) ने सभी दोषियों को बरी कर दिया.