गोपालगंजःबिहार के गोपालगंज से एक हैरान करने वाला मामलासामने आया है. जिसके बाद विभाग में खलबली मच गई है. वहीं, मामला उजागर होने के बाद डीएम ने जांच के आदेश दे दिए हैं. जिस तरह से 70 साल पुरानी लाइब्रेरी को तोड़कर मार्केट (demolished the library building In Gopalganj) बना दिया गया है, इससे साफ जाहिर होता है कि जिले में भू माफियाओं की मनमानी बढ़ गई है.
70 साल पुरानी लाइब्रेरी को तोड़कर बना मार्केट बनाने के मामले में डीएम का बयान यह भी पढ़ेंःबेतिया पुलिस की छापेमारी में 17 कार्टन शराब बरामद, कार्रवाई से तस्करों में हड़कंप
मांझा बाजार का मामलाः जिले के मांझा गढ़ थाना क्षेत्र के मांझा बाजार का मामला है. जहां स्थित 70 साल पुरानी लाइब्रेरी को तोड़कर मार्केट बना दिया गया है. जिसकी जानकारी होने के बाद जीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने एक जांच कमेटी का गठन कर कार्रवाई का आदेश दिए हैं. डीएम की इस कार्रवाई से भू माफियाओ में हड़कंप मच गया है.
1947 हुई थी स्थापनाः दरअसल, मांझा बाजार में 1947 में केशव पुस्तकालय की स्थापना हुई थी. पुस्तकालय में मतदान केंद्र भी था, जहां चुनाव के समय मतदान होता था. पुस्तकालय के जर्जर भवन को मांझा निवासी कुछ लोगों ने अपनी जमीन बताकर तोड़ दिया. जिसके बाद पुस्तकालय की जमीन बेच दी गई. जिसके बाद उक्त जमीन पर मार्केट का निर्माण धड़ल्ले से हो रहा है.
दाखिल खारिज भी हो गयाः सबसे हैरानी की बात यह है कि राजस्व कर्मचारी उक्त जमीन की दाखिल खारिज का अनुशंसा भी दिया. जिसके बाद जमीन का दाखिल खारिज कई लोगों के नाम से हो गया. इसके बाद विभाग में खलबली मच गई है. आनन फानन में डीएम ने जांच के आदेश दे दिए हैं. वहीं कुछ लोगों ने कहा कि जब भवन तोड़कर मार्केट बनाया जा रहा था उस समय विभाग कहां था. इतने दिन बाद नींद खुली है.
"मामले की जांच के लिए जिला परिवहन पदाधिकारी के नेतृत्व में 3 सदस्यीय टीम का गठन किया है. जिसमें सदर एसडीएम प्रदीप कुमार, डीसीएलआर बीरेंद्र कुमार शामिल हैं. मामले की जांच कर रिपोर्ट सौपेंगे. इसके बाद कार्रवाई की जाएगी."-डॉ नवल किशोर चौधरी, डीएम गोपालगंज