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मां के आंचल में सोना चाहते हैं गोपालगंज के हसन, जीते जी खुदवा ली अपनी कब्र

चलती फिरती आंखों से अजां देती है, मैंने जन्नत तो नहीं मां जरूर देखी है. ये पंक्तियां हसन और उनका मां के प्रति बेहद प्रेम पर सटीक बैठती हैं.

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Published : Sep 8, 2019, 8:13 PM IST

मां के प्रति अपने प्रेम को बयां करते मंजूर हसन

गोपालगंज: 'किसी ने रोजा रखा, किसी ने उपवास रखा, कबूल उसका हुआ, जिसने अपनी मां को अपने पास रखा'. कुछ यही लफ्ज है गोपालगंज के मंजूर हसन के. उन्हें अपनी मां से बहुत ज्यादा प्यार है. इसके चलते उन्होंने अपनी मां के पास रहने के लिए जीते जी कुछ ऐसा किया है. जिसे मरने के बाद इंसान खुद नहीं कर पाता.

हसन ने कब्र में सो रही अपनी मां के पास रहने के लिए जीते जी खुद की कब्र खुदावा ली है. यही नहीं, उन्होंने अपना कफन भी खरीद कर रख लिया है. मां की कब्र के पैरों के पास उन्होंने अपनी कब्र खुदवा उसे स्लैब से ढक दिया है. हसन का कहना है कि जब वो मरें, तो उन्हें वहीं, दफ्न किया जाए.

मां की मजार पर मंजूर हसन

बरौली के बलहा निवासी हैं मंजूर हसन
जिला मुख्यालय गोपालगंज से 40 किलोमीटर दूर बरौली प्रखंड के बलहा गांव निवासी स्व मुबारक हुसैन के पुत्र मंजूर हसन अपनी मां शाह शाबानो हसनी से बेइंतहा प्यार करते हैं. उनकी मां भी मंजूर से बहुत प्यार करती थीं. मां का प्यार ही था कि मंजूर हसन मां से कभी अलग नहीं हुए. मंजूर मां का काफी ख्याल रखते थे अपने मां-बाप की तीन संतानों में मंझले पुत्र हसन पर उस वक्त दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. जब जून 1999 में उनकी मां का इंतकाल हो गया.

मां के प्रति अपने प्रेम को बयां करते मंजूर हसन

जिंदगी बोझ लगने लगी थी...
हसन बताते हैं कि मां की मौत के बाद वो खुद को संभाल नहीं पा रहे थे. उन्हें जिंदगी बोझ लगने लगी थी. इसके बाद हसन ने मां की मजार बनवाई. अब वो रोजाना अपनी मां की मजार पर साफ-सफाई करते हैं. अपनी मां की खिदमत में लगे रहते हैं. हसन का मां के प्रति इतना प्रेम है कि वो उनकी कही हुई हर बात मानते हैं.

मां कहती थी, सभी से प्रेम करो- हसन
हसन बताते हैं कि उनकी मां कहती थीं कि सभी से प्रेम करना चाहिए. इससे किसी से भी दुश्मनी नहीं रहेगी. अगर किसी से दुश्मनी होगी भी तो वो खत्म हो जाएगी. हसन मां की मजार में खिदमत करते हुए कहते हैं कि मुझे आज भी ऐसा लगता है कि मेरी मां मेरे पास हैं.

रोजाना करते हैं खिदमत

पता नहीं कौन-कहां दफ्न कर दे..
मंजूर हसन का कहना है कि उनकी मौत के बाद पता नहीं कौन-कहां उन्हें दफ्न कर दे. इसके चलते उन्होंने अपनी मौत के पहले ही कब्र खुदवा ली है. हसन कहते हैं कि मैंने अपने नजर के सामने ही ये सब काम कर दे रहा हूं. ताकि किसी को कोई समस्या न हो. मुझे कहीं और दफ्न न कर दिया जाए.

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