गोपालगंज: 'किसी ने रोजा रखा, किसी ने उपवास रखा, कबूल उसका हुआ, जिसने अपनी मां को अपने पास रखा'. कुछ यही लफ्ज है गोपालगंज के मंजूर हसन के. उन्हें अपनी मां से बहुत ज्यादा प्यार है. इसके चलते उन्होंने अपनी मां के पास रहने के लिए जीते जी कुछ ऐसा किया है. जिसे मरने के बाद इंसान खुद नहीं कर पाता.
हसन ने कब्र में सो रही अपनी मां के पास रहने के लिए जीते जी खुद की कब्र खुदावा ली है. यही नहीं, उन्होंने अपना कफन भी खरीद कर रख लिया है. मां की कब्र के पैरों के पास उन्होंने अपनी कब्र खुदवा उसे स्लैब से ढक दिया है. हसन का कहना है कि जब वो मरें, तो उन्हें वहीं, दफ्न किया जाए.
बरौली के बलहा निवासी हैं मंजूर हसन
जिला मुख्यालय गोपालगंज से 40 किलोमीटर दूर बरौली प्रखंड के बलहा गांव निवासी स्व मुबारक हुसैन के पुत्र मंजूर हसन अपनी मां शाह शाबानो हसनी से बेइंतहा प्यार करते हैं. उनकी मां भी मंजूर से बहुत प्यार करती थीं. मां का प्यार ही था कि मंजूर हसन मां से कभी अलग नहीं हुए. मंजूर मां का काफी ख्याल रखते थे अपने मां-बाप की तीन संतानों में मंझले पुत्र हसन पर उस वक्त दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. जब जून 1999 में उनकी मां का इंतकाल हो गया.