गोपालगंज: कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए देशव्यापी लॉकडाउन जारी है. लॉकडाउन के कारण मानव जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लोगों के सामने रहने-खाने की समस्या खड़ी हो गई है. ऐसे में रोज कमाने-खाने वाले मजदूरों को सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है. देशव्यापी लॉकडाउन के कारण मछली व्यापारी भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं.
Lockdown में ठप हुआ मछली व्यापार, भुखमरी की कगार पर व्यापारी - Lockdown caused problems
लॉकडाउन का प्रभाव मछली व्यापार में भी देखने को मिल रहा है. व्यापारियों के सामने खाने-पीने का संकट आन पड़ा है. वे भुखमरी की कगार पर आ गए हैं.
मछली व्यापारियों की मानें तो कोरोना वायरस के देश में दस्तक देने के साथ ही लोगों ने मांस-मछली से दूरी बना ली थी. ऐसे में लॉकडाउन के पहले से ही व्यापार सुस्त पड़ा हुआ है. व्यापारियों का बताना है कि पहले जिले के हथुआ अनुमण्डल में आंध्रप्रदेश से रोजाना 20 से 25 क्विंटल मछलियां आती थी जो कि लॉकडाउन के कारण पूरी तरह से बंद हो गई है.
नहीं कर पा रहे खाने का इंतजाम
बता दें कि देशव्यापी लॉकडाउन के कारण मछली कारोबारियों के घरों में चूल्हे ठंडे पड़े हैं. इनका आरोप है कि सरकार इन पर ध्यान नहीं दे रही है. स्थिति ऐसी है कि ये कारोबारी दोबारा से अपने व्यापार और जीवन के पटरी पर लाने के लिए सरकार से अनुदान की मांग कर रहे हैं.