गोपालगंज :लालू यादव की पांचवी बेटी हेमा यादव (Lalu Yadav Daughter Hema Yadav) का नाम सीबीआई के रजिस्टर में (Hema Yadav CBI) दर्ज हो गया है. जिस प्रकार से उनको मुंह बोले भाई हृदयानंद चौधरी ने जमीन गिफ्ट की, उसपर सीबीआई ने पूछताछ की है. गोपालगंज पहुंचकर शुक्रवार को केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी सीबीआई की टीम ने उचकागांव थाना क्षेत्र इटवा गांव में 4 घंटे तक कागजातों को खंगाला.
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दरअसल, 2017 में तत्कालीन बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मामला दर्ज कराया था. इसी के मद्देनजर सीबीआई के जज के निर्देशानुसार सीबीआइ की टीम गोपालगंज में रेड करने पहुंची. रेलवे में कार्यरत हृदयानंद चौधरी के घर पहुंची सीबीआई की टीम ने उनके भाई देवेंद्र चौधरी से पूछताछ कर कई दस्तावेज अपने साथ ले गई.
''हमारे छोटे भाई हृदयानंद चौधरी के बारे में जानकारी पाने के लिए सीबीआई की टीम आई थी. जो जानकारी थी उसे बता दिया. हृदयानंद चौधरी राजेंद्र नगर टर्मिनल में रेलवे में कार्यरत हैं. उन्होंने हेमा यादव जो उनकी भावनात्क बहन है उन्हें गिफ्ट के तौर पर सम्पति दी थी. उसका पता पूछ रहे थे. ये जानकारी मुझे नहीं है.''- देवेंद्र चौधरी, हृदयानंद चौधरी के भाई
2004 से 2009 तक रेलमंत्री थे लालू यादव : बता दें कि यह मामला तब का है जब लालू प्रसाद यादव संयुक्त प्रगतिशील सरकार यानी यूपीए सरकार में साल 2004 से साल 2009 के बीच रेलमंत्री थे. जिनपर आरोप है कि रेलवे भर्ती में घोटाले हुआ था. आरोप है कि नौकरी लगवाने के बदले में जमीन और प्लॉट लिए गए थे. सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू और उनकी बेटी के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
कौन हैं हेमा यादव : हेमा यादव आरजेडी सप्रीमो लालू यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की पांचवी संतान हैं. वैसे हेमा यादव का नाम पहली बार किसी मामले में सामने आया है. उन्होंने बीआईटी रांची से बीटेक की डिग्री हासिल की है. हेमा की शादी एक राजनीतिक परिवार में हुई है और उनके पति विनीत यादव भी एक राजनीतिज्ञ हैं. कहा जाता है कि फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी के नाम पर ही लालू यादव ने अपनी बेटी का नाम हेमा यादव रखा था.
कहां-कहां हुई थी है छापेमारी :शुक्रवार को पटना, गोपालगंज, दिल्ली, मध्यप्रदेश के भोपाल में छापेमारी हुई थी. पटना के राबड़ी आवासा सहित दिल्ली के मीसा भारती के आवास पर भी छापेमारी हुई थी. लालू प्रसाद यादव के ठिकानों पर छापेमारी को लेकर अधिकारियों ने बताया था कि जांच एजेंसी ने दिल्ली व बिहार में 17 स्थानों पर छापे मारे. उन्होंने बताया कि यह कथित घोटाला तब का है जब लालू प्रसाद यादव संयुक्त प्रगतिशील सरकार यानी यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे.
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