गोपालगंजः जिले के अस्पतालों और उप स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर, एएनएम के साथ मूलभूत सुविधाओं की घोर कमी है. माझा प्रखंड के अमेठी पंचायत में सरकार ने लाखों रुपए की लागत से उप स्वास्थ्य केंद्र बनवाया था. लेकिन यहां न डॉक्टर हैं और न ही दवा. एक एएनएम के भरोसे यह स्वास्थ्य केंद्र संचालित हो रहा है. स्थानीय लोग इलाज के लिए मजबूरन सदर अस्पताल या निजी नर्सिंग होम पर निर्भर रहते हैं.
स्वास्थ्य सेवाओं का खस्ता हाल
डॉक्टर और एएनएम के अभाव में मरीज नीम हकीम के जाल में उलझ रहे हैं. इसके साथ ही संस्थागत प्रसव टीकाकरण और अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रम भी बाधित हो रहे हैं. सरकारी योजनाओं का लाभ जच्चा-बच्चा को नहीं मिल पा रहा है. 5 हजार की आबादी वाले अमेठी ग्राम पंचायत में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत खस्ता है.
आज तक नहीं हुई एक भी डिलीवरी
गांव में स्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद यहां के लोगों को किसी तरह की चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिलती है. आलम यह है साल 2018-19 में इस भवन का निर्माण हुआ था. लेकिन यहां आज तक एक भी डिलीवरी नहीं हो पाई है. स्वास्थ्य केंद्र पर मौजूद आशा कर्मी ने बताया कि उन्हें यहां तैनात डॉक्टर के बारे में नहीं पता है.