गोपालगंज:बिहार के गोपालगंज में किशोर न्याय परिषद (Juvenile Justice Council in Gopalganj) ने अनोखा फैसला सुनाया है. गोपालगंज किशोर न्यायालय के प्रधान मजिस्ट्रेट राकेश मणि तिवारी (Principal Magistrate Rakesh Mani Tiwari of Juvenile Court) ने बरौली थाना क्षेत्र के एक गांव के निवासी इंटरमीडिएट के छात्र को मारपीट, छेड़खानी और डायन एक्ट के मामले में दोषी पाते हुए मिडिल स्कूल में तीन माह तक छात्र- छात्राओं को पढ़ाने की सजा सुनाई है.
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मिली जानकारी के अनुसार,जिला किशोर न्यायालय के प्रधान मजिस्ट्रेट राकेश मणि तिवारी तथा सदस्य ममता श्रीवास्तव ने यह कार्य विद्यालय के प्रधानाचार्य के पर्यवेक्षण में करने को कहा है. प्रधानाचार्य तीन माह बाद अपना प्रतिवेदन देंगे जिससे यह स्पष्ट होगा कि न्यायालय के आदेश का अनुपालन हुआ या नहीं. प्रधान मजिस्ट्रेट ने कहा कि अभिलेख पर किशोर का कोई आपराधिक इतिहास नहीं रहने, पूछताछ में उसके यह कहने पर कि बड़ा होकर वह वैज्ञानिक बनना चाहता है तथा न्यायालय की तरफ से पढ़ाई के बारे में की गई सामान्य पूछताछ में सभी प्रश्नों के सही एवं स्पष्ट जबाब दिया है.
किशोर की बातों से प्रभावित होकर न्यायालय ने कोई अन्य सजा देने के बजाए उसके हुनर और प्रतिभा को देखते हुए पास के मिडिल स्कूल में पढ़ाने की सजा दी. बता दें कि एक साल पहले किशोर पर गांव के ही एक महिला को डायन कहने और मारपीट कर छेड़खानी करने का मामला दर्ज किया गया था. एक साल के बाद गोपालगंज किशोर न्याय बोर्ड द्वारा आरोपी किशोर के मामले की सुनवाई की गई. बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर उसे दोषी करार दिया गया.
किशोर न्यायालय के समक्ष किशोर व उसके संरक्षण उपस्थित थे. किशोर से प्रधान मजिस्ट्रेट एवं सदस्य द्वारा पूछताछ किया गया तो उसने बताया कि वह इंटरमीडियट विज्ञान का छात्र है. इंटरमीडिएट का नाम सुन प्रधान मजिस्ट्रेट ने किशोर से कुछ सवाल किया. जिसका सही-सही जवाब उसने बिना अटके दिया.
प्रधान मजिस्ट्रेट और किशोर के बीच हुआ सवाल-जवाब ये हैं-
1. प्रधान मजिस्ट्रेट- पौधे किस विधि से भोजन का निर्माण करते हैं ?
किशोर-सर प्रकाश संश्लेषण विधि द्वारा पौधे भोजन का निर्माण करते हैं