गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज (Gopalganj) जिले में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना (Mukhyamantri Saat Nischay Yojana) पर अधिकारी पलीता लगाने में जुटे हैं. फुलवरिया प्रखण्ड के जगदीशपुर गांव में नाले के निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई है. घटिया सामग्रियों के इस्तेमाल के कारण लोगों में जबरदस्त गुस्सा है.
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दरअसल, फुलवरिया प्रखण्ड के जगदीशपुर गांव में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत 2 सौ फीट लम्बे नाले का निर्माण हो रहा है. 3 लाख 22 हजार 2 सौ रुपये की लागत से इसका निर्माण कार्य हो रहा है. स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि नाले के निर्माण में लगाई जा रही ईंट दो नम्बर की है, जो हल्के दबाव में टूट जा रही है. लोगों का कहना है कि ऐसे में निर्माण किया गया नाला आखिर कितना टिकाऊ होगा.
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इस बारे में संबंधित विभाग के जूनियर इंजीनियर (JE) से बात की गई तो उन्होंने ने कहा कि कार्य को पहले ही बंद करने का आदेश दिया गया था. इसके बावजूद निर्माण कार्य हो रहा है, जो गलत है. वहीं, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी (BDO) अजित कुमार रोशन से इस बारे में पूछने पर कहा कि अगर ऐसा कुछ हुआ है तो निश्चित तौर पर एक्शन लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी. जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई जरूरी की जाएगी.
नाली निर्माण कार्य में गड़बड़ी पर बीडीओ का बयान आपको बताएं कि सात निश्चय योजना में गड़बड़ी को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) भी कई बार कह चुके हैं कि इसमें जमकर धांधली हो रही है. निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जा रहा है. वहीं एलजेपी नेता चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने भी कहा है कि नली-गली, नल जल योजना सहित जितनी भी योजनाएं हैं, सब में भ्रष्टाचार हो रहा है. सात निश्चय भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी योजना है. आने वाले समय में जब जांच होगी तो पता चलेगा कि सात निश्चय बिहार के इतिहास में सबसे बड़े भ्रष्टाचार की योजना रही है.