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गोपालगंज: धड़ल्ले से हो रहा पानी का अवैध कारोबार, लोगों की सेहत का भी नहीं रखा जा रहा है ख्याल

नगर परिषद् के चेयरमैन हरेंद्र चौधरी ने कहा कि शहर के पानी कारोबारियों को नोटिस भेजा जा रहा है. जांच में नियमानुकूल नहीं पाए जाने पर प्लांट बंद कर दिए जाएंगे.

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Published : Nov 13, 2019, 9:08 AM IST

गोपालगंज

गोपालगंज:जिले में पानी का अवैध कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है. लेकिन इस पर किसी का नियंत्रण नहीं है. बिना लाइसेंस और तय मानक को ठेंगा दिखाकर लगातार वाटर प्लांट लगाए जा रहे हैं. रोजाना हजारों क्यूबिक पानी जमीन के अंदर से निकालकर बेचा जा रहा है. जिसकी शुद्धता की जांच करने वाला कोई नहीं है. इलाके में पीने के पानी की किल्लत होने की वजह से यह कारोबार तेजी से बढ़ रहा है.

पानी का अवैध कारोबार
शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण इलाकों में सैंकडों वाटर प्लांट लगे हैं. जहां से अवैध तरीके से पानी का कारोबार किया जा रहा है. दर्जनों गाड़ियां पानी लेकर सड़कों पर दौड़ती रहती है. लेकिन जिला प्रशासन से लेकर जल संरक्षण विभाग तक बेसुध है. 20 लीटर वाले कंटेनर में बिकने वाला यह पानी 20 से 30 रुपये प्रति जार की दर से बिक रहा है.
पानी की शुद्धता के तय मानक की जानकारी और जागरुकता के अभाव में लोग इस पानी का जमकर इस्तेमाल भी कर रहे है. गर्मी के दिनों में इसकी मांग बढ़ जाती है. घरों से लेकर होटल-रेस्टोरेंट और पार्टी-फंक्शन में पीने के लिए इस पानी की खूब खपत है.

जिले में हो रहा पानी का अवैध कारोबार

भूगर्भ जल का हो रहा दोहन
जानकार बताते है कि वाटर प्लांट में पानी शुद्ध करने के लिए ऑस्मोसिस प्रोसेस अपनाई जाती है. इस प्रक्रिया में 100 लीटर पानी में सिर्फ 40 लीटर पानी ही शुद्ध होता है, जबकि 60 फीसदी पानी बर्बाद हो जाता है. एक अनुमान के मुताबिक शहर में प्रतिदिन 50000 लीटर पानी की सप्लाई की जाती है, तो इतना ही पानी बर्बाद हो जाता है. सरकारी उदासीनता के कारण भूगर्भ जल का जमकर दोहन हो रहा है.
साथ ही पानी में स्वाद लाने के लिए इसमें सोडा और कई तरह के केमिकल मिलाए जाते हैं. जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं. ऐसे में आम लोग पैसे लगाकर भी अशुद्ध पानी ले रहे है. जिसका उपभोग पूरा परिवार कर करता है.

नगर परिषद् का कार्यालय

लाइसेंस नहीं, फिर भी बेच रहे पानी
पानी के कारोबारी सुजीत उपाध्याय ने बताया कि इलाके में पानी के टीडीस में तेजी से कमी आ रही है. प्लांट वाले 500-600 फीट बोरिंग करके पानी निकालते है. फिर उसे शुद्ध करते है. उन्होंने बताया कि वो रोजाना 50 से 60 बोतल पानी बेच लेते हैं. लाइसेंस होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी अप्लाई किया हूं, जल्द ही मिल जाएगी.

पेश है खास रिपोर्ट

सभी प्लांटों की होगी जांच
वहीं नगर परिषद् के चेयरमैन हरेंद्र चौधरी ने कहा कि शहर के पानी कारोबारियों को नोटिस भेजा जा रहा है. जांच में नियमानुकूल नहीं पाए जाने पर प्लांट बंद कर दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि लोगों को स्वस्छ पानी मिल सके इसके लिए हर घर नल का जल योजना के तहत पाइप बिछाया जा रहा है. लोगों को उनके घर में ही पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जाएगा.

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