बिहार

bihar

ETV Bharat / state

गोपालगंज: सदर अस्पताल की स्थिति बदहाल, कई सालों से बंद पड़ा है ICU - गोरालगंज का सदर अस्पताल

सरकार की उदासीनता के कारण सदर अस्पताल का आईसीयू कई सालों से बंद पड़ा है. ऐसे में मरीजों को काफी परेशानी होती है. वहां मरीजों का प्राथमिक उपचार कर तत्काल गोरखपुर या पटना रेफर कर दिया जाता है. ऐसे में कई मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं.

कई सालों से बंद पड़ा है ICU

By

Published : Oct 14, 2019, 12:09 PM IST

Updated : Oct 14, 2019, 3:32 PM IST

गोपालगंज: सूबे में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर केंद्र और राज्य सरकार करोड़ों रूपये खर्च करती है, बावजूद इसके मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जाती है. इसका जीता जागता उदाहरण जिले का सदर अस्पताल है जहां मरीजों के लिये आईसीयू की सुविधा नहीं है.

गोपालगंज जिला मुख्यालय में बने आइएसओ से प्रमाणित सदर अस्पताल विभागीय उदासीनता का शिकार है. यहां कई सालों से आईसीयू बंद पड़ा है. नेशनल हाइवे के बगल में शहर बसे होने के कारण यहां अक्सर सड़क दुर्घटनाएं होती रहती है. ऐसे में जब गंभीर रूप से जख्मी लोग को सदर अस्पताल लेकर पहुंचा जाता है तो वहां मरीजों का मामूली प्राथमिक उपचार कर तत्काल गोरखपुर या पटना रेफर कर दिया जाता है. ऐसे में कई मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं.

आईसीयू में रखी सभी मशीनें हैं खराब

कई सालों से बंद पड़ा है ICU
इसी समस्या के मद्देनदर सदर अस्पताल परिसर में आईसीयू की स्थापना की गई थी जिसका उद्घाटन तत्कालीन डीएम कृष्ण मोहन ने जून 2013 में किया था. आईसीयू बनने के कुछ महीनों बाद तक चालू रहा. लेकिन बाद में स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण बंद हो गया. मरीज के परिजनों ने बताया कि यहां मरीजों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. यहां न तो टेक्नीशियन हैं और ना ही कोई डॉक्टर की तैनाती की गई है. इस कारण अब आईसीयू में मरीजों का इलाज नहीं हो पाता है.

पेश है रिपोर्ट

टेक्नीशियन और डॉक्टरों की है कमी
यहां रखी महंगी मशीनें भी खराब हो रही हैं. सिविल सर्जन डॉ. नंदकिशोर सिंह भी मानते हैं कि यहां मैन पावर की कमी है. आईसीयू के लिए कार्डियोलॉजिस्ट और सर्जन समेत अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत होती है जो 24 घंटे मरीजों की देखभाल कर सकें. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पास विशेषज्ञ डॉक्टर और टेक्नीशियन नहीं हैं. हालांकि आईसीयू चालू करने के लिये लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.

Last Updated : Oct 14, 2019, 3:32 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details