बिहार

bihar

ETV Bharat / state

year ender: साल 2020 में स्वास्थ्य सुविधाओं में पीछे रह गया गोपालगंज, जिलेवासियों को उठानी पड़ी परेशानी

साल 2020 में आई कोरोना काल में मरीजो को स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने में स्वास्थ्य विभाग नाकाम रहा. कोरोना काल मे सरकारी अस्पतालों में आम आदमी की सहूलियत के लिए करोड़ों के उपकरण और सालाना बजट के बावजूद सरकार के महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ नहीं मिल सका. साल 2020 में मरीजों के लिए कई सुविधाओं की शुरुआत तो हुई लेकिन मरीजों को सुविधा नहीं मिल सकी. वहीं रोजाना औसतन एक मरीज सदर अस्पताल में काल के गाल में समाता रहा.

By

Published : Dec 31, 2020, 6:21 PM IST

gopalganj sadar hospital news
gopalganj sadar hospital news

गोपालगंज: करीब 28 लाख की आबादी वाले जिले के लिए स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए 36 सरकारी अस्पताल खोले गए है. लेकिन इन अस्पतालों में मरीजों को साल 2020 में कितनी स्वस्थ्य सुविधा मिल पाई इसकी पड़ताल ईटीवी भारत ने की. ईटीवी भारत के पड़ताल में कई चौकाने वाले मामले सामने आए.

2020 में मरीजों का हाल बेहाल

क्या कहते हैं आंकड़े
वर्ष 2020 में 36 सरकारी अस्पतालों में 393550 लोगों ने इलाज कराया. जिसमें से 25669 मरीजों को भर्ती कर इलाज किया गया. इसके साथ ही 507454 लोगों को कोरोना की जांच की गई. जिसमें 57 लोग संक्रमित पाए गए और 15 लोगों ने जान गंवायी. इन सबके बीच 5602 लोग कोरोना से ठीक हुए. अगर पूरे साल की उपलब्धि की बात करें तो सरकारी अस्पतालों में 15 डॉक्टर की तैनाती तो की गई लेकिन आधे से अधिक डॉक्टर ज्वाइन करने के बाद से अवकाश पर चले गए.

2020 में मरीजों का हाल बेहाल

2020 में मरीजों का हाल बेहाल
साल 2020 में मरीजों को कोई सुविधा नहीं मिली. क्योंकि सदर अस्पताल में आईसीयू, ट्रामा सेंटर, मेंटल अस्पताल, नेत्र अस्पताल चालू होने के बाद बंद हो गए. प्रसूति विभाग को छोड़कर अन्य बीमारियों के इलाज के लिए सीजेरियन चालू नहीं हो सका. इमरजेंसी वार्ड में साल 2019 से 2020 में पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2019 में 62 हजार लोगों ने इमरजेंसी वार्ड में इलाज कराया. जबकि साल 2020 में 36731 लोगों ने अब तक इलाज कराया है. स्वास्थ सुविधाओं में कमी के कारण हर रोज सरकारी अस्पताल में मरीज कम हुए हैं.

देखें ये रिपोर्ट

फिसड्डी साबित हुआ सदर अस्पताल
आईएसओ से मान्यता प्राप्त इस सदर अस्पताल में 360 दिनों में 342 मरीजों ने दम तोड़ दिया. हर रोज एक मरीज की मौत इमरजेंसी वार्ड में इलाज के दौरान हुई. कोरोना काल में सरकार ने सुविधा तो दी लेकिन मरीजों तक वह सुविधा नहीं पहुंच सकी.

एक नजर में

  • 393550 मरीजों ने सरकारी अस्पतालों में इलाज कराया.
  • 256069 मरीज सरकारी अस्पतालों में भर्ती किए गए.
  • 367031 मरीजों ने सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में कराया इलाज.
  • 6286 सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किए गए.
  • 345 लोगो की सदर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.
  • 157 मरीजों ने सदर अस्पताल आने से पहले दम तोड़ा है.
  • महज 9 लोगों को शव वाहन मिला.

    कोरोना अपडेट
  • 507454 लोगों ने कोरोना की जांच करायी
  • 5699 लोग कोरोना से पॉजिटिव पाए गए.
  • 5602 लोग इलाज के बाद ठीक हुए.
  • 15 लोगों की कोरोना से मौत हो गई.


    2020 में इन सुविधाओं से मरीज रहे वंचित

वर्ष 2015 में सिधवलिया स्थिति झंझवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ट्रामा सेंटर बनाने के लिए राशि का आवंटन हुआ, लेकिन बन नहीं सका. बाद में सिविल सर्जन ने सदर अस्पताल परिसर में ट्रामा सेंटर बनाने की अनुमति दी. ट्रामा सेंटर का बिल्डिंग लगभग तैयार हो चुका है. लेकिन साल 2020 में भी चालू नहीं हो सका. 2018 में ही 500 बेड का अस्पताल बनना था इसके लिए साल 2019 और 2020 में जमीन की मैपिंग कराई गई. इंजीनियरों की टीम ने जांच की. लेकिन वर्ष 2020 में भी 5 सौ बेड का अस्पताल नहीं बन सका.

पोस्टमार्टम हाउस बनाने के लिए जमीन मिलने के बाद भी नहीं बन सका

कहां रहीं कमियां?

  • पोस्टमार्टम हाउस बनाने के लिए जमीन मिलने के बाद भी नहीं बन सका.
  • नेत्र अस्पताल, मेंटल अस्पताल का उद्घाटन होने के बाद भी चालू नहीं हो सका.
  • लावारिस शव को 72 घंटे रखने के लिए मॉर्चरी वार्ड का निर्माण भी नहीं हो सका.
    वर्षों से बंद पड़े आईसीयू भी चालू नहीं हो सका.
  • कुल मिलाकर पूरे साल जांच की आंच में स्वास्थ्य विभाग झुलसता रहा.


जिले में सरकारी अस्पतालों की संख्या

  • सदर अस्पताल - 1
  • अनुमंडल अस्पताल- 1
  • रेफरल अस्पताल- 3
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र - 6
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र- 4
  • अतिरिक्त प्रथामिक स्वास्थ्य केंद्र- 21
    तो कुल मिलाकर 2020 में गोपालगंज स्वास्थ्य महकमा तमाम इंतजामात करने में पीछे रहा और इसका खामियाजा जनता को झेलना पड़ा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details