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Bihar 10th Result 2023: किसान की बेटी अमृता को चौथा स्थान, IAS बनकर करना चाहती है देश सेवा

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Published : Mar 31, 2023, 4:24 PM IST

गोपालगंज की बेटियों ने एक बार फिर साबित कर दिया की वह बेटों से कम नहीं है. किसान की बेटी अमृता कुमारी ने जहां मैट्रिक में चौथा स्थान (Gopalganj Amrita got 4th rank in matric exam) प्राप्त किया है, वहीं निक्की गुप्ता को टाॅप टेन में नौवां स्थान प्राप्त हुआ है. अमृता आगे पढ़ाई कर आईएएस बनना चाहती है. पढ़ें पूरी खबर..

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गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज की दो बेटियों ने टाॅप टेन में जगह बनाकर जिले का नाम रोशन (Gopalganj Two daughters in top ten) किया है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित परीक्षा में कटेया के अमेया गांव निवासी किसान की बेटी अमृता ने 483 अंक पाकर पूरे बिहार में चौथा स्थान प्राप्त कर परिवार और पूरे जिले का मान बढ़ाया है. वहीं कुचायकोट प्रखंड के बलीवन सागर गांव निवासी निक्की गुप्ता ने 477अंक प्राप्त कर 9वां स्थान पाया है. इसके अलावा जिले के मांझा के छात्र संदीप ने भी 476 अंक लाकर 10वें स्थान पर रहे हैं.

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तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी है अमृता: दरअसल, कटेया प्रखंड के अमेया गांव निवासी अभय तिवारी की बेटी अमृता कुमारी दो बहन और एक भाई है. भाई अश्विनी तिवारी वर्तमान में सीए की तैयारी करते हैं. पिता किसान और मां गृहिणी है. मां का नाम अनिता देवी है. भाई बहनों में छोटी अमृता बचपन से ही प्रतिभाशाली है. एक साधारण परिवार में जन्मी अमृता की प्रारंभिक पढ़ाई एक निजी विद्यालय से हुई. अभय तिवारी ने अपनी बेटी अमृता को छठी क्लास से आठवीं कक्षा में एक सरकारी स्कूल गौरा ज्ञानेश्वरी हाई स्कूल में दाखिल करा दिया, ताकि एक ही पुस्तक से दोनों बहनें पढ़ाई कर सके. दो क्लास प्रमोट होने के बावजूद अमृता ने कड़ी मेहनत और लगन से पढ़ाई की.

अमृता को अच्छा करने का विश्वास था: अमृता ने वह कर दिखाया, जिसकी उम्मीद नहीं थी. अमृता को यह विश्वास था कि वह अच्छे अंक से सफलता पाएगी, लेकिन उसे पूरे बिहार में चौथा स्थान आएगा. इसकी उम्मीद उसे नहीं थी. अमृता के पिता अभय तिवारी ने बताया कि आज मैं बहुत खुश हूं कि मेरी बेटी आज पूरे जिले का नाम रोशन करने के साथ मां बाप के मान को बढ़ाया है. मैंने कभी बेटा-बेटी में अंतर नहीं समझा. मेरी बेटी जो भी बनना चाहती है, उसमें मेरा भरपूर सहयोग रहेगा और उसके सपनों को पूरा करूंगा.

'जब समय मिलता था, तब पढ़ने बैठ जाती थी':वहीं अमृता से जब बात की गई तो उसने कहा कि मेरी पढ़ाई का कोई खास शेड्यूल नहीं था. जब भी समय मिलता था, तब भी पढ़ाई करती और एकाग्रचित होकर पढ़ाई करती थी. अमृता ने बताया कि मैं फिलहाल एक कुशल सीए बनना चाहती हूं और इसके बाद आईएएस की तैयारी करूंगी. क्योंकि वर्तमान में हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, लेकिन सीए बनने के बाद यूपीएससी क्रैक कर आईएएस बनूंगी. यह मेरा विश्वास है. अमृता ने बताया कि इस सफलता के पीछे मां, पिताजी और मेरे शिक्षक बिरेंद्र सर का हाथ है. अमृता ने बताया कि बोर्ड द्वारा कई सवाल किए गए, जिसमे अधिकांश सवाल मैथ के फार्मूला से था.

"मैं फिलहाल एक कुशल सीए बनना चाहती हूं और इसके बाद आईएएस की तैयारी करूंगी. क्योंकि वर्तमान में हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, लेकिन सीए बनने के बाद यूपीएससी क्रैक कर आईएएस बनूंगी. यह मेरा विश्वास है" -अमृता कुमारी

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