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यूक्रेन से लौटे गोपालगंज के मोहित ने सुनाई दास्तां, 'जूठन खाकर व फेंके हुए बोतल में पानी पीकर बचाई जिंदगी'

यूक्रेन पर रूस के हमले (Russia attack on Ukraine) के चलते हजारों भारतीय छात्र वहां फंस गये. इससे उनके परिजनों की चिंता काफी बढ़ गयी. भारत सरकार वहां फंसे छात्रों की स्वदेश वापसी के लिए ऑपरेशन गंगा चला रही है. रोजाना हजारों की संख्या में छात्र भारत लौट रहे हैं. गोपालगंज का मेडिकल छात्र मोहित भी अपने घर लौटा है. उसने वहां के बारे में जो बताया, वह काफी भयावह है. पढ़ें पूरी खबर.

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Published : Mar 7, 2022, 8:57 AM IST

Updated : Mar 7, 2022, 12:00 PM IST

गोपालगंज: यूक्रेन व रूस के बीच जारी जंग (Ukraine Russia War) में फंसे भारतीय छात्रों की स्वदेश वापसी लगातार हो रही है. भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा में भारतीय वायु सेना के विमानों को भी लगाया है. बिहार के भी सैकड़ों छात्र लौटे हैं. गोपालगंज शहर के हजियापुर (Hajiyapur of Gopalganj City) निवासी राजेश कुमार का पुत्र मोहित भी अपने घर लौट (Gopalganj Mohit returned from Ukraine) आया है. मोहित के घर लौटते ही उसके परिजनों के चेहरे की रौनक लौट आई है. मोहित के घर पहुंचते ही उसका भव्य स्वागत किया गया.

दरअसल, यूक्रेन व रूस के बीच जारी जंग में कई भारतीय छात्र फंस गए है. हालांकि सरकार की पहल से छात्र अब अपने घरों को लौटने लगे हैं. वहीं, कई ऐसे छात्र हैं जो अभी भी वतन वापसी का इंतजार कर रहे हैं. यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए शहर के हजियापुर निवासी मोहित भी यूक्रेन में फंसा हुआ था. अब वह अपने घर आ गया है. मोहित को देख परिजनों के चेहरे पर एकबार फिर रौनक लौट आई है. मोहित वर्ष 2019 से यूक्रेन में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे. वह एमबीबीएस थर्ड ईयर के छात्र हैं.

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घर वापसी पर हुआ शानदार स्वागत: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बाद मोहित यूक्रेन से नहीं निकल पाये थे. इसके कारण उनके माता-पिता काफी परेशान थे. उनके पिता-माता सहित परिवार के सभी सदस्यों ने सरकार से उन्हें सुरक्षित वापस लाने की अपील की थी. मोहित की मां की आंखों से आंसू नहीं थम रहे थे. पूरे घर मे वीरानगी पसरी थी लेकिन आज खुशिया ही खुशियां हैं. मोहित जैसे ही ओने घर पहुंचा, मां, पिता और भाई ने उसका स्वागत किया. मां ने बेटे को माला पहनाककर मिठाईयां खिलाईं. तिलक लगाकर गले लगा लिया.

मोहित ने सुनाई आपबीती: ईटीवी भारत से खास बातचीत में मोहित ने आपबीती सुनाई. उसने बताया कि उसकी आंखों के सामने बम के गोले गिर रहे थे. यूक्रेनी सेना भारतीय छात्रों को मेंटली डिस्टर्ब कर रही थी. वह नहीं चाहती थी कि भारतीय छात्र अपने घर लौटें. कोई छात्र जबरदस्ती जाना चाहता था तो उसके साथ मारपीट की जाती थी. मोहित की भी यूक्रेनी सेना ने पिटाई की थी.

40 किमी पैदल चला, भूखा रहा: मोहित ने बताया कि ठंढ के मौसम में 40 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा. तीन दिनों तक भूखे रहना पड़ा. यहां तक कि सड़क पर फेंके हुए जूठन को खाकर पेट भरता था. इसके अलावे जो छात्र बॉर्डर पार होते, उनके द्वारा फेंके गए बोतल में थोड़ा पानी बचता था, उसे इकट्ठा कर पीता था लेकिन सरकार ने काफी मदद की.

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पीएम मोदी को धन्यवाद: मोहित ने बताया कि मुझे विश्वास नहीं था कि मैं अपने घर पहुंच पाऊंगा लेकिन पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने हम लोगों को बचा कर नया जिंदगी दी. थैंक्स मोदीजी. दरअसल यूक्रेन व रूस के बीच जारी जंग में कई भारतीय छात्र फंस गए हैं. सरकार के प्रयास से फंसे हुए छात्र अब अपने घर लौटने लगे हैं. अभी भी कई छात्र वतन वापसी का इंतजार कर रहे हैं.

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Last Updated : Mar 7, 2022, 12:00 PM IST

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