गोपालगंज: जिले के मधु सरेया की सविता बीते 5 माह से जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद अब हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह गई. सविता जिंदगी और मौत की जंग हार गई. उसकी मां अपनी बेटी को याद कर लगातार आंसू बहा रही है.
एक्टर पंकज त्रिपाठी ने बढ़ाया था मदद का हाथ
पिछले 30 जून को ईटीवी भारत ने बीमारी से ग्रसित बच्ची सविता की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसमें सविता ने गुहार लगाते हुए कहा था कि मैं जीना चाहती हूं. मुझे बचा लीजिए. सविता का इलाज पैसे के अभाव में नही हो रहा था. इस पर ईटीवी भारत ने पहल कर सविता की गुहार जन-जन तक पहुंचाया. जिसके बाद फिल्म अभिनेता पंकज त्रिपाठी, समाजसेवी जय हिंद प्रसाद, जन अधिकार पार्टी के महासचिव शमसुल हक और जिला अध्यक्ष विजय प्रताप सिंह ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया.
मदद के लिए एक्टर पंकज त्रिपाठी ने बढ़ाया था हाथ बीडीओ ने घर जाकर करवााय था चेकअप
बीमार बच्ची सविता का माझा प्रखंड के बीडीओ वेद प्रकाश ने डॉक्टरों की टीम के साथ उसके घर जाकर चेकअप कराया. उनके द्वारा आर्थिक मदद के साथ इलाज के लिए एंबुलेंस से लाकर सदर अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जहां चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया.
बीडीओ ने घर पर जाकर करवाया था उसका चेकअप पीएमसीएच में चल रहा था इलाज
बच्ची के इलाज में शिशु रोग विशेषज्ञ नौशाद आलम ने भी आर्थिक मदद की. जबकि जय हिंद प्रसाद और जन अधिकार पार्टी के नेता विजय प्रताप सिंह बच्ची को एंबुलेंस द्वारा पीएमसीएच ले जाकर भर्ती करवाया. पीएमसीएच में भर्ती बच्ची का देखभाल शमसुल हक आजाद द्वारा की जा रही थी. समय-समय पर डॉक्टर आकर चेकअप करने लगे और उसका इलाज जारी था.
पीएमसीएच में चल रहा था सविता का इलाज बच्ची की जिद के आगे झुकी मां
इलाज के कारण बच्ची के स्वास्थ्य में काफी हद तक सुधार हुआ. लेकिन इसी बीच सविता लगातार अपनी मां से घर जाने के लिए जिद करने लगी. मां भी सविता की जिद के आगे झुक गई और उसे पीएमसीएच से लेकर घर मधु सरेया चली आई. यहां 2 दिन बाद उसकी मौत हो गई.
जिंदगी की जंग हार गई सविता ईटीवी भारत पर प्रमुखता से दिखाई गई थी खबर
सविता की जिंदगी बचाने के लिए ईटीवी भारत ने हर संभव प्रयास किया. लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था. आज ईटीवी भारत की सराहना हर कोई कर रहा है. सविता की मां लगातार इस बात को कह रही है कि आप लोगों की बदौलत हमारी बेटी इतने दिनों तक जीवित रही. कई सुविधा आप लोगों ने दिलाई. आप लोग भगवान बनकर कर आए. लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था, जिसके कारण आज सविता इस दुनिया में नहीं है.