गोपालगंज: जिले के कमला राय कॉलेज रोड के पास स्थित एकमात्र मुक्तिधाम खुद की मुक्ति की आस लगाए बैठा है. उद्घाटन के 5 साल बीत जाने के बाद भी यहां एक भी शव का दाह संस्कार नहीं हो पाया है. वहीं, यह मुक्तिधाम अब नशेड़ियों का अड्डा बन चुका है. लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की कुम्भकर्णीय नींद टूटने का नाम नहीं ले रही है.
इस मुक्तिधाम का उद्घाटन 2014 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने किया था. इसको बनाने में 42 लाख रूपये का खर्च आया था. लेकिन यह उद्घाटन के बाद से ही उपेक्षा का शिकार हो गया. इलाके के लोगों ने बताया कि उद्घाटन के बाद से यहां एक भी शव का दाह संस्कार नहीं हो सका है. लेकिन अब यह मुक्तिधाम नशेड़ियों का अड्डा बन चुका है. यहां रात-दिन नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है. वह नशा करने के बाद आसपास से गुजरने वाली महिलाओं पर फब्तियां कसते हैं. लेकिन कोई इस ओर ध्यान नहीं देता है.
चोर भी काट रहे मलाई
मुक्तिधाम में नशेबाजों के अलावा चोर भी मलाई काट रहे हैं. चोरों ने यहां का गेट और लाखों कीमत की सोलर लाइट की बैटरियां चोरी कर ली हैं. इलाके के लोगों ने बताया कि सालों पहले इसके जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण और विद्युत शव दाह गृह की योजना बनाई गई थी. लेकिन यह योजना फाइलों में दबकर रह गई. जिसके चलते आज भी यह प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार हो चुका है.
आरटीआई से मांगी थी जानकारी
इलाके के समाजसेवी विमल कुमार ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2009 में लोक स्वास्थ्य प्रमंडल से आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी. उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व: अटल बिहारी बाजपेयी के कार्यकाल में मुक्तिधाम योजना की शुरूआत की गई थी. जिसके बाद गोपालगंज जिले में भी एक मुक्तिधाम बनाने के लिए सरकार से मांग की गई थी. जिस पर सरकार ने अमल करते हुए गोपालगंज को एक मुक्तिधाम बनाने की योजना तैयार कर कार्य की शुरुआत की थी. उन्होंने बताया कि इसमें कुल 42 लाख रुपए खर्च हुए थे. लेकिन मुक्तिधाम उद्घाटन के बाद से ही प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार हो गया.
जानकारी देते नगर परिषद के चेयरमैन ढाई करोड़ की लागत से बनेगा इलेक्ट्रिकल शव दाह गृह
नगर परिषद के चेयरमैन हरेंद्र चौधरी ने बताया कि शहर की जनसंख्या को देखते हुए मुक्तिधाम अपर्याप्त है. नगर परिषद के जरिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. जिसमें ढाई करोड़ की लागत से इलेक्ट्रिकल शव दाह गृह बनेगा. साथ ही जंगलिया वार्ड नंबर 15 में 16 लाख की लागत से 4 सीट का मैनुअल शव दाह गृह बनेगा. जिसका डीपीआर तैयार हो चुका है. उन्होंने कहा कि चिराई घर के पास इलेक्ट्रिक शव दाह गृह इस वित्तीय वर्ष में बनकर तैयार हो जाएगा.