गोपालगंज: सिधवलिया थाना क्षेत्र के पिपरा गांव (Pipra Village) निवासी सीआरपीएफ जवान सुधांशु सिंह उर्फ बिट्टू सिंह (Martyr Jawan) का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचते ही पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया. चारों ओर चीख पुकार से पूरा महौल गमगीन हो गया. सीआरपीएफ जवान के पार्थिव शरीर के दर्शन कर नम आंखों से लोगों ने उन्हेंअंतिम विदाईदी.
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दरअसल जिले के पिपरा गांव निवासी सुरेंद्र सिंह के पुत्र सुधांशु सिंह उर्फ बिट्टू सिंह मिजोरम में सीआरपीएफ जवान के रूप में तैनात थे. मां भारती की सेवा में अपना सबकुछ न्योछावर कर देश सेवा में अपना योगदान देने के लिए सीआरपीएफ में भर्ती हुए. गुरुवार की शाम सुधांशु अपने 25 साथियों के साथ आइजोल में पेट्रोलिंग कर रहे थे. इस दौरान अज्ञात स्नैपर शूटर ने सुधांशु को गोली मार दी, जिससे वे वहीं गिर पड़े.
पेट्रोलिंग में शामिल अन्य साथी जबतक उन्हें इलाज के लिए लेकर जाते तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी. जवान के मौत होने की सूचना मिलते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया. साथ ही गांव के आलावे जिले में शोक की लहर दौड़ गई. वहीं उनके पार्थिव शरीर के आने के इंतजार में पूरा गांव आंखों में आंसू लिए इंतजार करता रहा. जैसे ही सुधांशु का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा वैसे ही लोगों का हुजूम उनके दरवाजे पर अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़ा.
बरहिमा मोड़ से लेकर बढ़ेयां मोड़ तक, सिधवलिया, शेर और बरौली से जाने वाली सड़कों पर लाखों की भीड़ इकट्ठा हो गई. जिले के अलग अलग इलाकों से लोग जवान की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान आसमान का कलेजा भी फट पड़ा, बारिश भी शहीद को सलामी दे रही थी. इतनी बारिश में भी लोगों के हुजूम से सुधांशु सिंह अमर रहे का जयघोष गुंजायमान हो रहा था.
जवान का पार्थिव शरीर आने पर सुरेंद्र सिंह के दरवाजे पर पूर्व विधायक व जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष मनजीत सिंह, वर्तमान विधायक प्रेमशंकर यादव, पूर्व सांसद व खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम सहित जदयू के भूतपूर्व सैनिक प्रकोष्ट के जिलाध्यक्ष मुन्ना कुंवर, सहित हजारों जन प्रतिनिधी मौजूद थे.
सुधांशु का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचते ही माता-पिता और पत्नी प्रियंका देवी की चित्कार गुंजने लगी. शहीद सीआरपीएफ जवान के दो बेटे शशांक व प्रसून हैं. फौजी सुधांशु सिंह को मुखाग्नि पुत्र शशांक ने दी. मौके पर सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर अशोक कुमार झा, सहित कई थाने के पुलिस पदाधिकारी सहित ग्रामीण उपस्थित थे.
तीस वर्षीय जवान सुधांशु सिंह विगत 16 जून को अपने गांव से दिल्ली गए थे. वहां कुछ दिनों तक क्वारंटाइन रहने के बाद 14 जुलाई को मिजोरम पहुंचे थे. इसके अगले दिन ही उनके शहीद होने की सूचना मिली. वर्ष 2006 में सुधांशु सीआरपीएफ में सिपाही के पद पर बहाल हुए थे. बाद में प्रमोट होकर हवलदार बने थे. हाल ही में उनका स्थानांतरण दिल्ली से मिजोरम हुआ था.