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गोपालगंज: युवाओं की टोली देती है गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा, संवार रहे हैं नौनिहालों का भविष्य - youths in india

ये युवा खुद की पॉकेटमनी से बच्चों की जरूरतों को पूरा करते हैं, जैसे बच्चों को किताब देने के साथ अन्य जरूरी चीजें देना. ये युवा अपनी पढ़ाई से रोज 3 घंटे समय निकाल कर बच्चों को पढ़ाने के लिए आते हैं. गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे बताते हैं कि उन्हें यहां पढ़ना अच्छा लगता है.

श्रीराम गुरुकुल कोचिंग सेंटर

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Published : Sep 4, 2019, 2:46 PM IST

गोपालगंज:जिले के मुख्यालय से करीब 17 किलोमीटर दूर मीरगंज स्थित श्रीराम गुरुकुल कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले छात्र निःशुल्क शिक्षा प्राप्त कर अपना भविष्य संवार रहे हैं. यह निःशुल्क शिक्षा बच्चों को तीन युवक देते हैं. ये लोग बच्चों को निःशुल्क शिक्षा के साथ कॉपी, कलम, पेंसिल, किताब, बैग और कंप्यूटर की भी शिक्षा देते हैं. चंद बच्चों के साथ शुरू हुआ यह सिलसिला अब बढ़ता जा रहा है. वर्तमान में इस गुरुकुल में करीब 90 बच्चे पढ़ते हैं.

युवा देते बच्चों को तकनीकी शिक्षा

सरकारी स्कूल में नहीं मिलती बढ़िया शिक्षा
मीरगंज गांव निवासी दिव्यांग प्रवीण गुप्ता ने इस मुहिम की शुरुआत की. जब वे घर के आसपास गरीब बच्चों को कूड़ा उठाते या किसी को दुकान पर काम करते देखते थे, तो उनका मन दुखी हो जाता था. साथ ही सरकारी स्कूल की शिक्षा व्यवस्था उनको अंदर से झकझोर कर रख देती थी. सरकारी विद्यालयों में उन्हीं के बच्चे पढ़ते हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर होते है. ऐसे में उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ना के बराबर मिलती है. इन तमाम बातों पर उन्होंने अपने दोस्त जितेश से चर्चा की. इसी पर दोनों ने इलाके के ही दो-चार बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. इस दौरान कई कठिनाइयां आई, लेकिन सभी को दरकिनार करते हुए ये लोग आगे बढ़ते रहे.

मीरगंज स्थित श्रीराम गुरुकुल कोचिंग सेंटर

माता-पिता भी होने लगे जागरूक
धीरे-धीरे युवाओं की ओर से दिए जा रहे शिक्षा को देखकर पास के लोगों में जागरुकता बढ़ने लगी. लोगों ने इन युवाओं का सहयोग करना शुरू कर दिया. जैसे कई पढ़े-लिखे लोग अपना समय निकालकर इस मुहिम को आगे बढ़ाने में लग गए. इससे पहले ये युवा मलिन बस्ती और गरीब बच्चों के पास जाकर उन्हें शिक्षा का महत्व बताते थे. साथ ही बच्चों के माता-पिता को उनको स्कूल भेजने के लिए राजी करते थे. युवाओं की मेहनत और लगन से धीरे-धीरे काम आगे बढ़ने लगा और आज इस गुरुकुल में कक्षा एक से लेकर दस तक के छात्र पढ़ने आते हैं.

श्रीराम गुरुकुल कोचिंग सेंटर में बच्चों को मिलती है निःशुल्क शिक्षा

पॉकेट मनी से जरूरतें करते हैं पूरी
ये युवा खुद की पॉकेटमनी से बच्चों की जरूरतों को पूरा करते हैं, जैसे बच्चों को किताब देने के साथ अन्य जरूरी चीजें देना. ये युवा अपनी पढ़ाई से रोज 3 घंटे समय निकाल कर बच्चों को पढ़ाने के लिए आते हैं. गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे बताते हैं कि उन्हें यहां पढ़ना अच्छा लगता है. यहां की पढ़ाई उन्हें काफी समझ में आती है. यहां निःशुल्क पढ़ाई के साथ-साथ कॉपी, कलम और किताब भी फ्री में मिलते हैं. कंप्यूटर की भी शिक्षा फ्री में दी जाती है.

विश्व श्रीराम सेना ने इन युवाओं की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए अपना हाथ आगे बढ़ाया है. सेना के जिला प्रमुख सत्यम द्विवेदी ने कहा कि यह सेना गुरुकुल को फंड देती है. साथ ही बच्चों को पाठ्य सामग्री भी उपलब्ध कराती है.

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