गोपालगंज:कहा जाता है कि अगर सकारात्मक सोच से किसी काम में लगा जाए तो न केवल खुद पर विश्वास पैदा होता है, बल्कि सकारात्मक सोच से आपको हर विपरीत परिस्थितियों में भी आशा की किरण दिखाई देती है और सफलता जरूर मिलती है. ऐसी ही है 'फिश मैन' के नाम से चर्चित (Fish Man of Gopalganj) बिहार के गोपालगंज के सफागंज पंचायत के सनहा गांव के रहने वाले विनोद सिंह की कहानी. विनोद सिंह को शुरू से ही सामाज और देश की सेवा करने का जुनून था. जब ये आर्मी में जवान नहीं बन सके, तो इन्होंने हार नहीं मानी और किसान बनकर समाज और राष्ट्र की सेवा में जुट गए.
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गोपालगंज के विनोद सिंह एक सफल उद्यमी: गोपालगंज में विनोद सिंह सफल उद्यमी के रूप (Vinod Singh Successful Entrepreneur in Gopalganj) में जाने जाते हैं. विनोद सिंह आज सब्जी और मछली पालन से प्रतिवर्ष 15 से 20 लाख रुपये न केवल कमाते हैं, बल्कि अन्य किसानों को भी इसके लिए प्रशिक्षण देकर उन्हें प्रेरित करते हैं. वैसे, यह सब कुछ करना इतना आसान नहीं था. विनोद सिंह ने आर्मी में जाने का सपना देखा था. इसके लिए कई बार कोशिशें भी की, लेकिन प्रत्येक कोशिश में असफलता हाथ लगी, लेकिन वो निराश नहीं हुए. अपने जीवन में जय जवान, जय किसान को मूल मंत्र बनाने वाले विनोद सिंह ने कहा कि जय जवान तो नहीं हो सके, अब जय किसान होकर दिखाएंगे.
दोस्तों की मदद से बने मछली पालक:विनोद सिंह ने 1995 में सब्जी की खेती की शुरुआत की, इसमें उन्हें सफलता तो मिली, लेकिन बहुत मुनाफा नहीं दिखा. इसी दौरान उन्हें मछली पालन के क्षेत्र में दिलचस्पी पैदा हुई. वे कहते हैं कि बिहार में मछली की मांग की पूर्ति आंध्र प्रदेश से होती है. ऐसे में लगा कि बिहार में मछली पालन क्यों नहीं किया जा सकता है.
''किसान परिवार से आने की वजह से घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. कुछ मित्रों के सहयोग से हौसला मिला और अपने सनहा गांव के पास चंवर (जहां पानी जमा होता है) वहीं मछली का दाना (बीज) डालकर व्यवसाय की शुरूआत की. इसके बाद इस कारोबार में फिर पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा.''-विनोद सिंह, मछली पालक