गोपालगंज: सरकार ने किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए बिजली पहुंचाने का योजना बनाई है. ताकि किसानों को सिंचाई करने में कोई समस्या न हो, लेकिन दुर्भाग्य है कि किसान सरकार की इस योजनाओं से आज भी वंचित है. वहीं, सरकार ने गांव-गांव तक बिजली तो जरुर पहुंचाई है. पर बिजली की कटौती से ग्रामीण क्षेत्रों के लोग काफी परेशान है.
कृषि फीडर के लाभ से किसान हैं वंचित
दरअसल, सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत किसानों को चिह्नित कर उनके खेतों तक बिजली पहुंचाने की कार्य योजना बनाई थी. इस व्यवस्था में खास बात यह थी कि कृषि कार्य में विद्युत आपूर्ति के लिए अलग फीडर का निर्माण किया गया था. इसके साथ ही किसानों को हर निजी नलकूपों पर 25 किलोवाट का एक-एक ट्रांसफार्मर लगाया जाना था. किसानों को कृषि कार्य के लिए निर्बाध रुप से बिजली मिल सके. इसके लिए घरेलू बिजली आपूर्ति व्यवस्था से इसे अलग रखा गया था, लेकिन उनके योजना केवल कागज पर ही सिमट कर रह गई. अब तक किसी भी किसान के खेत में इस योजना का लाभ नहीं मिल सका.
ग्रामीण इलाकों में नहीं पहुंचा बिजली ग्रामीण हैं परेशान
गोपालगंज के 14 प्रखंडों में पहले से 16 विद्युत उपकेंद्र से 22 कृषि फिडर से बिजली आपूर्ति करने की विभाग की योजना थी, जो रबी की सिंचाई के लिए किसानों को बिजली मिल सके, लेकिन दो सालों के बाद भी पूर्ण रूप से योजना पर काम नहीं हो सका. ऐसे में किसान महंगे डीजल से पंपसेट के द्वारा रबी फसल की सिंचाई करने को मजबूर हैं. ऐसे ही हाल ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को अब तक निर्बाध बिजली नहीं मिल रही है. सरकार ने बिजली तो गांव में पहुंचा दी, लेकिन बिजली देने में कम फिसड्डी साबित हो रही है. क्योंकि बिजली की कटौती से ग्रामीण काफी परेशान रहते हैं.
अधिकारी बोलने से कर रहे हैं परहेज
तिरबीरवा पंचायत के यादव नगर में अब तक बिजली के खंभे नहीं लगाए गए हैं. ना ही बिजली पहुंचाई गई है. स्थानीय लोगों ने दूसरे गांव से खुद के तार और बांस के खंभे के सहारे लाकर घरों को उजाला कर रहे हैं. साथ ही बिजली विभाग के कर्मी समय से बिजली का बिल भी वसूली करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यहां बिजली की स्थिति काफी खराब है. महज 10 घंटे ही बिजली की सप्लाई मिल पाती है. इस पूरे मामले में बिजली विभाग के एसडीओ और परियोजना पदाधिकारी से बात करना चाहा तो उन्होंने कैमरा के सामने से बताने से परहेज किया.