गोपालगंज:जिले में विभागीय उदासीनता के कारण किसान केले की खेती नहीं कर पा रहे हैं, इससे केले के पैदावार में कमी आ गई है. किसानों का कहना है कि वो बिना किसी जानकारी के ही अपने मन से केले की खेती करते हैं, क्योंकि विभाग की ओर से उन्हें कोई मदद नहीं मिलती है. साथ ही, उन्हें सही समय पर बीज भी उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं.
किसानों को नहीं मिलता अनुदान
जिले में कई ऐसे किसान हैं, जो केले के खेती करने के लिए इछुक हैं, लेकिन इन किसानों को विभाग से अनुदान नहीं मिलता है. बता दें कि वर्तमान वित्तीय सत्र में विभाग की ओर से 20 हेक्टेयर में केले की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन अभी तक महज 3 हेक्टेयर में ही केले की खेती संभव हो पाई है.
केले की खेती के लिए किसानों को नहीं मिलता अनुदान अतिवृष्टि के कारण खेती प्रभावित
इस संदर्भ में उद्यान पदाधिकारी एम वाजिद ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में केले की खेती बहुत कम हुई है, क्योंकि मौसम अनुकूल नहीं होने के कारण खेती प्रभावित हुई है. वहीं, ज्यादा वर्षा होने के कारण किसान केले की खेती करने में पीछे रह गए हैं. उन्होंने कहा कि अगले सीजन में वे लोग इस लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश करेंगे.
विभागीय उदासीनता के कारण किसान नहीं कर पा रहे केले की खेती किसानों को नहीं मिलता योजनाओं का लाभ
बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार किसानों की आमदनी को दोगुनी करने के लिए कई तरह की योजनाएं संचालित करती है. किसानों को खेती करने में कोई समस्या न हो, इसके लिए सरकार लक्ष्य निर्धारित कर किसानों को उचित अनुदान भी देती है. लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण किसान उन योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते हैं.