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गोपालगंज: कम लेयर के दूषित पानी पीने से बढ़ रहा बीमारी का खतरा, बच्चे हो रहे प्रभावित

गोपालगंज में पहले और दूसरे लेयर के पानी में अधिक मात्रा में नाइट्रेट रहने की वजह से बच्चों में पेट की बीमारियां बढ़ने लगी हैं. दूषित पानी पीने से पेट में संक्रमण और डायरिया जैसी बीमारियां फैल रही हैं.

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Published : Dec 8, 2019, 6:49 PM IST

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दूषित पानी पीने से बढ़ रहा खतरा

गोपालगंज: जिले के विभिन्न इलाकों में लोग कम लेयर तक ही हैंडपंप लगाते हैं. जिससे हैंडपंप के आस-पास फैली गंदगी धीरे- धीरे पहले और दूसरे लेयर तक पहुंच जाती है. जिससे पानी दूषित हो जाता है. दूषित पानी पीने से कई रोग फैल रहे हैं.

ऐसे में पानी की हर बूंद में जैविक रूप से दूषित होने का खतरा बना हुआ है. ग्रामीण इलाकों में लगाए गए निजी हैंडपंप इस समस्या को और बढ़ा रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में करीब 60 प्रतिशत लोग पहले और दूसरे लेयर का पानी पी रहे हैं.

बच्चों में पेट की बढ़ रही बीमारियां
बता दें कि पहले और दूसरे लेयर के पानी में अधिक मात्रा में नाइट्रेट रहने की वजह से बच्चों में पेट की बीमारियां बढ़ने लगी हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक यहां जलस्तर ऊंचा होने के कारण 7 फीट पर ही पानी मिलने लगा है. साथ ही कहा कि ज्यादा लेयर तक पाइप डालने पर ज्यादा खर्च होता है. उनका मानना है कि जब 20 से 25 फीट में पानी मिल जाता है तो ज्यादा की क्या आवश्यकता है. वहीं कुछ लोगों ने कहा कि नाली का निर्माण नहीं होने के कारण खुद गड्ढ़े खोदकर उसी में पानी डम्प किया जाता है. जो प्रदूषित हो जाता है जिससे कई रोग और संक्रमण होने लगा है.

दूषित पानी पीने से बढ़ रहा खतरा

'साफ-सफाई पर दें विशेष ध्यान'
बीमारी के संबंध में डॉ. नौशाद आलम ने कहा कि इसके समस्या के पीछे असली का समस्या जल है. दूषित पानी पीने से पेट में संक्रमण और डायरिया जैसी बीमारियां फैलती हैं. ऐसे में लोगों को पीने के पानी के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए. साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चहिए. हालांकि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने लोगों को अधिक गहराई तक चापाकल लगाने की दिशा में प्रयास भी किया है. लेकिन अबतक इस अभियान में कोई खास प्रगति नहीं हो सकी है.

पीएचईडी विभाग की अपील
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण के कार्यपालक अभियंता अभय कुमार ने बताया कि गोपालगंज जिले ने जल स्तर औसतन 7 फीट 4 इंच है. जिसके कारण कम गहराई पर ही पानी निकल जाता है. वहीं, नल जल योजना के तहत 14 प्रखंडों में पीएचईडी विभाग की तरफ से शुद्ध पेयजल के लिए 150 फीट गहराई से पानी निकाला जा रहा है. जो शुद्ध माना जाता है साथ ही विभाग ने लोगों से अपील भी की गई है कि अगर आप अपने घर चापाकल लगा रहे हैं तो 150 फीट से कम पर चापाकल न लगाएं.

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