गोपालगंज: जिले के यादोपुर स्थित दुःखहरण गांव के डॉ आलोक कुमार सुमन गरीबी के अपने दिनों को याद कर स्थानीय गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे रहे हैं. इलाके में डॉ सुमन अपने इसी नेक काम के लिए विख्यात हैं.
गरीबी में पढ़ाई कर बने डॉक्टर, अब गरीब बच्चों को नि:शुल्क दिला रहे हैं शिक्षा - free education
जीवन में सफलता हासिल करने के बाद लोग अपनी गरीबी के दिनों को भूल जाते हैं. लेकिन, कुछ ऐसे भी शख्स हैं जो अपनी गरीबी को ही हथियार बनाकर सफलता हासिल कर एक ऊंचाई को छूते हैं. इन्हीं में से एक हैं गोपालगंज के चिकित्सक डॉक्टर आलोक कुमार सुमन.
अपनी गरीबी से सबक लेकर शुरु किया कोचिंग
डॉ सुमन कहते हैं कि इनका बचपन काफी गरीबी में बीता. काफी दिक्कतों से अपनी पढ़ाई पूरी की. इसी बेवसी लाचारी व गरीबी से सीख लेकर वे अब वे शहर के पोस्टऑफिस चौक के पास गरीब बच्चो के लिए निःशुल्क कोचिंग संचालित कर रहे है ताकि जो परेशानी इन्हें देखने को मिली वह परेशानी शायद अन्य पढ़ने वाले गरीब छात्र- छात्राओं को न हो.
गरीब बच्चों की शिक्षा का सारा खर्च उठाते हैं डॉ सुमन
इस कोचिंग सेंटर का सारा खर्च खुद डॉ आलोक कुमार सुमन ही उठाते हैं. वर्तमान में इस कोचिंग में करीब डेढ़ से दो सौ छात्र छात्राएं है. यहां नवीं से लेकर बारहवीं तक कि शिक्षा निःशुल्क दी जाती है. इसके डॉ सुमन गरीब मरीजों को निःशुल्क इलाज करते है.