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गोपालगंज के इस गांव में आजादी के 75 साल बाद भी रेंग रहा विकास, योजनाओं ने नहीं रखी कदम - हुस्सेपुर पंचायत सरकारी योजनाओं से वंचित

गोपालगंज का हुस्सेपुर पंचायत सालों से सरकारी योजनाओं से वंचित है. यहां के ग्रामीणों का कहना है कि फंड का पैसा मुखिया के पास आता है और कुछ पता भी नहीं चलता. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

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Published : Oct 8, 2021, 8:40 AM IST

गोपालगंज: नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की सरकार विकास कार्यों का बखान करते नहीं थकती है. खासकर गांव-गांव तक सड़क, बिजली और शुद्ध पेयजल पहुंचाने के दावे करती है. लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल परे है. सड़क और पानी सबसे मूलभूत सुविधाएं है. लेकिन कई गांव के लोग इसका भी लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. ताजा मामला गोपालगंज जिले के भोरे प्रखण्ड का है, जहां हुस्सेपुर पंचायत (Hussepur Panchayat In Gopalganj) के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

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पंचायत के लोगों का कहना है कि पंचायत का प्रतिनिधित्व करने वाले निवर्तमान मुखिया ने अब तक कोई काम नहीं किया है. गांव के लोगों को अब तक सरकारी योजनाओं से वंचित (Government Schemes In Hussepur Panchayat) रखा गया है. जिससे उनमें काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है.

देखें रिपोर्ट.

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वहीं, पंचायत चुनाव को लेकर विभिन्न पंचायत के प्रत्याशी पूरी दमखम के साथ चुनावी मैदान में कूद पड़े हैं. हर साल वादा किया जाता है कि गांव में सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी. लेकिन हर बार ये सभी दावे हवा-हवाई हो जाते है. हुस्सेपुर पंचायत के लोगों ने बारी-बारी से मुखिया समेत विभिन्न पद पर रहने वाले प्रतिनिधियों की पोल खोल कर रख दी.

लोगों ने बताया कि 75 साल से गांव का विकास नहीं हो सका है. वर्तमान मुखिया ने भी विकास के नाम पर कुछ नहीं किया है. एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गांव-गांव पक्की सड़क का निर्माण कराने की बात कहते हैं. लेकिन इस पंचायत के ग्रामीणों को कच्ची सड़क पर ही चलना पड़ता है. वहीं, जब वर्तमान मुखिया से राय जानने की कोशिश की गई, तो उन्होंने मुलाकात नहीं हो पाने की बात कह दी.

मेरे गांव में कुछ भी विकास नहीं हुआ है. न रास्ता बना है और न ही अब तक आवास दिया गया है. मुखिया लोगों को फंड मिलता है और हमलोगों को कुछ पता नहीं चलता है. योजनाओं के बारे में तो हम ग्रामीणों को कुछ नहीं पता चलता है.-जगन्नाथ चौधरी, स्थानीय

हमारे यहां न रोड बना और न ही नल -जल योजना है. मुखिया लोग दबाव देकर वोट ले लेते हैं. 75 सालों में कोई सुविधा नहीं मिली है. सड़क की स्थिति का तो कुछ कहना ही नहीं है. बरसात के दिनों में तो चलना मुश्किल हो जाता है. -बैद्यनाथ प्रसाद यादव, स्थानीय

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