गोपालगंजः जिले में अधिकांश लोग गांव में निवास करते हैं और खेती करना ही अधिकांश लोगों की जीविका का साधन है. यहां धान, गेहूं, गन्ना, मक्का, दलहन, तिलहन फसल के साथ ही सब्जी की व्यापक पैमाने पर खेती होती है. अच्छी उपज के लिए किसान दशकों से रासायनिक खाद का इस्तेमाल करते आ रहे हैं. लेकिन कुछ वर्षों से खेतों की मिट्टी की जांच में यह बात सामने आई है कि रासायनिक खाद का इस्तेमाल करने से खेतों की उर्वरा शक्ति घट रही है.
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इसके साथ ही रासायनिक खादों के प्रयोग से खेतों की लागत भी अधिक आती है. जिससे मौसम की मार और लागत अधिक लगने और उपज कम होने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिसे देखते हुए कृषि विभाग ने खेती की लागत कम करने और खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने की दिशा में अपनी पहल तेज कर दी है.