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ग्राउंड रिपोर्ट: जिस फरियादी की बात सुन हंस पड़े थे नीतीश, उसके गांव वाले बोले- 'रिटायर्ड प्राचार्य की मांग एकदम सही'

20 सितंबर सोमवार को सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार में गोपालगंज के फरियादी की बात सुन सीएम हंस पड़े थे. गोपालगंज के रिटायर्ड प्राचार्य ने मुख्यमंत्री से गांव की सड़क को यूपी से जोड़ने की मांग की थी. इस मांग के पीछे क्या वजह है जानने के लिए पढ़िए ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट...

Demand to connect the road with UP
Demand to connect the road with UP

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Published : Sep 23, 2021, 2:12 PM IST

Updated : Sep 23, 2021, 3:33 PM IST

गोपालगंज:कटेया प्रखण्ड (Kateya Block) के अमेया पंचायत के भगवानपुर गांव (Bhagwanpur Village) निवासी योगेन्द्र मिश्रा (Yogendra Mishra) की चर्चा चारों ओर हो रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के जनता दरबार (Janata Darbar In Patna) मे पहुंचकर अपने गांव को यूपी से जोड़ने की मांग की थी. यह सुन सूबे के मुखिया हंस पड़े थे. लेकिन जब ईटीवी भारत की टीम इस गांव में पहुंची तो पता चला कि लोगों को सड़क न होने के कारण भारी परेशानी उठानी पड़ती है.

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दरअसल अमेया पंचायत के भगवानपुर गांव निवासी योगेन्द्र मिश्रा अपने गांव के विकास के प्रति हमेशा प्रयासरत रहते हैं. अपने गांंव मे वो हर सुविधा पहुंचाने की कोशिश करते हैं ताकि गांव के लोगों को दिक्कत न हो. उन्होंने अपने प्रयास से गांव मे नलजल समेत कई सुविधाओं को बहाल कराया है.

देखें ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट

वर्ष 2014 में वीएम हाई स्कूल व इंटर कॉलेज से प्राचार्य के पद से रिटायर्ड हुए योगेन्द्र मिश्रा ने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में सोमवार को पहुंचकर अजीबोगरीब मांग रख दी थी. उनकी मांग सुनकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हंसने लगे. योगेंद्र मिश्रा ने अपने गांव की सड़क को उत्तर प्रदेश राज्य से जोड़ने की मांग की थी.

सीएम ने योगेंद्र मिश्रा की बात सुनने के बाद उन्हें पथ निर्माण विभाग के पास भेज दिया था. ईटीवी भारत से खास बातचीत में पूर्व प्राचार्य ने बताया की 'मेरे गांव से उत्तर प्रदेश का कुशीनगर जिला महज 1 किलोमीटर की दूरी पर है. गांव की भौगोलिक स्थिति के कारण लोगों को गोपालगंज जाने के लिए करीब 55 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. यहां के लोगों के लिए यूपी नजदीक है.

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"मेरे गांव से गोपालगंज का मुख्यालय काफी दूर है. सदर अस्पताल 50 से 55 किलोमीटर है. ऐसे में मरीजों को इलाज कराने में समस्या उत्पन्न होती है. 1978 से लगातार जन सेवा कर रहे हैं. अपने वेतन के पैसे से गांव की सड़क की मरम्मत करते रहे हैं, अब पेंशन पर हैं, फिर भी जनसेवा लगातार जारी है. पूजा करने के दौरान भी मुझे गांव की सड़क ही दिखती है."-योगेन्द्र मिश्रा, रिटायर्ड प्राचार्य

अमेया पंचायत के भगवानपुर गांव निवासी योगेन्द्र मिश्रा ने अपने प्रयासों से गांव का कायाकल्प कर दिया है. पूर्व प्राचार्य ने बताया कि 'मेरे गांव से उत्तर प्रदेश का कुशीनगर जिला महज 1 से 2 किलोमीटर की दूरी पर है. मेरे गांव से जिला मुख्यालय गोपालगंज काफी दूर है. उनका कहना है कि कोई भी चिकित्सकीय सुविधा उत्तर प्रदेश से आसानी से हमें मिलती है. बाजार भी करने के लिए लोग यूपी ही जाते हैं.

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ग्रामीणों का भी कहना है कि यूपी से गांव की सड़क अगर जुड़ जाए तो लोगों को काफी फायदा होगा. सारी सुविधाएं आसानी से मिल जाएंगी. इस दौरान लोगों ने रिटायर्ड प्राचार्य के द्वारा किए जा रहे कामों की सराहना भी की.

"योगेंद्र मिश्रा जी की मांग एकदम सही है. हमलोगों के गांव की सड़क अगर यूपी से जुड़ जाए तो हम तुरंत गोरखपुर पहुंच सकते हैं. आपलोग खुद देख लीजिए गोपालगंज यहां से 70-80 किलोमीटर दूर है. इतने दूर मरीज को लेकर जाना पड़े तो मरीज की हालत तबतक ज्यादा खराब हो जाती है. यहां से यूपी करीब है. अस्पताल नजदीक है."-ग्रामीण

"ये बिहार के गोपालगंज का लास्ट गांव पड़ता है. सीमा में उत्तर प्रदेश है. हम सभी की मांग है कि मात्र 1 किलोमीटर सड़क जोड़ दी जाए तो ग्रामीणों की परेशानी खत्म हो जाएगी."-ग्रामीण

बता दें कि गोपालगंज के भगवानपुर गांव से सोमवार को सीएम के जनता दरबार में पहुंचे पूर्व प्राचार्य ने बताया था कि वे पहले अपने वेतन और अब अपने पेंशन से सड़क बनवाते हैं. सीएम ने पूछा समस्या बताइये. पूर्व प्राचार्य ने विनम्रता से कहा कि सर सड़क तो आपने गांव तक पहुंचा दिया है, अब इसे उत्तर प्रदेश से जोड़ दीजिए. यह सुनकर सीएम हंस पड़े थे और मामले को पथ निर्माण विभाग को देखने का आदेश दिया है. अमेया पंचायत के भगवानपुर गांव के लोगों के बीच सीएम की मुस्कान से उम्मीद जगी है. अगर गांव की इस सड़क को यूपी से जोड़ दिया जाता है तो लोगों की समस्याएं काफी हद तक कम हो सकती है.

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Last Updated : Sep 23, 2021, 3:33 PM IST

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