बिहार

bihar

ETV Bharat / state

'मेरा बेटा चाहे जैसा है, आखों के सामने रहे इसलिए बांध कर रखती हूं' - child diseases in gopalganj

मां कहती है कि मेरा बेटा चाहे जैसा है लेकिन मेरे आखों के सामने रहे इस लिए इसे बांध कर रखने को मजबूर हूं. हमें देखने वाला कोइ नहीं है. बच्चे का इलाज नहीं करवा सकते ताकि वह स्वस्थ होकर अपने परिवार के साथ रह सके.

पेड़ों से बंधा विक्षिप्त मासूम

By

Published : Aug 3, 2019, 7:12 PM IST

गोपालगंज: जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर बरौली प्रखंड के सलेमपुर गांव से बेहद मार्मिक तस्वीर सामने आई है. गरीबी और बीमारी की वजह से 13 साल का विक्षिप्त मासूम पेड़ों से बंधा एक कैदी की तरह अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर है. बच्चे के गरीब मां-बाप उसका इलाज करवाने में सक्षम नहीं है.

गोपालगंज में पेड़ों से बंधा विक्षिप्त मासूम

7 सालों से पेड़ से बंधा मासूम
स्थानीय जनार्दन प्रसाद और सिंधु देवी के बेटे आकाश को 4 साल की उम्र में तेज बुखार हुआ था. गरीब परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि अपने बच्चे का इलाज करा सके. इसके बावजूद किसी तरह अपनी क्षमता के मुताबिक अपने बच्चे का इलाज कराने की कोशिश की लेकिन वह कारगर साबित नहीं हुआ. इसी कारण बच्चा मानसिक रुप से विक्षिप्त हो गया. तब से लेकर आज तक पिछले 7 सालों से इस बच्चे को यूं ही एक ही पेड़ से बांध कर रखा जाता है.

गरीबी के कारण पेड़ से बांध कर रखने को मजबूर
मां सिंधु देवी कहती है कि तीन बच्चे में आकाश सबसे बड़ा बेटा है. मजबूरी में अपने बेटे को पेड़ से रस्सी में बांध कर रखती हैं, ताकि वह कहीं भाग न जाए. मां कहती है कि मेरा बेटा चाहे जैसा है लेकिन मेरे आखों के सामने रहे इस लिए इसे बांध कर रखने को मजबूर हूं. हमें देखने वाला कोइ नहीं है. बच्चे का इलाज नहीं करवा सकते ताकि वह स्वस्थ होकर अपने परिवार के साथ रह सके.

बच्चे के माता-पिता

सरकार से मदद की गुहार
मानवता को शर्मसार करने वाली इस तस्वीर से स्थानीय लोग भी दुखी है. विकास और सुशासन के बड़े-बड़े दावे करने वाली सरकार और सामाजिक संस्था के पास इनके लिए कोई योजना नहीं है. गरीबी से लाचार बेबस मां बाप आज भी सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details