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Bihar Shikshak Niyojan: गोपालगंज में शिक्षक संघ का आंबेडकर चौक के सामने प्रदर्शन, नई शिक्षक नियमावली वापस लेने की मांग - Bihar Secondary Teachers Association Protest

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के शिक्षकों ने गोपालगंज के आंबेडकर चौक के सामने जोरदार प्रदर्शन किया है. इन शिक्षकों की मांग है कि नई शिक्षक नियमावली को बिहार सरकार वापस ले. इसके साथ ही सभी शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के साथ ही पहले जैसे पेंशन योजनाओं की शुरुआत करें. पढ़ें पूरी खबर..

गोपालगंज में शिक्षक संघ का प्रदर्शन
गोपालगंज में शिक्षक संघ का प्रदर्शन

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Published : May 22, 2023, 3:36 PM IST

गोपालगंज:बिहार के गोपालगंज में आज सोमवार को बिहार माध्यमिक शिक्षक संघके द्वारा आंबेडकर चौक के सामने जोरदार प्रदर्शन हुआ. इस दौरान कई शिक्षकों ने अपनी कई मांगे भी रखी. उन शिक्षकों ने इस प्रदर्शन के जरिए नई शिक्षक नियमावली 2023 का जबरदस्त विरोध किया. कार्यक्रम हथुआ और गोपालगंज अनुमंडल के सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाए मौजूद रही. इस दौरानशिक्षकों ने राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए शिक्षक नियमावली के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

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शिक्षक संघ ने किया शिक्षक नियमावली का विरोध:दरअसल पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा. इस दौरान शिक्षकों ने कहा की शिक्षक नियमावली शिक्षा और शिक्षक विरोधी है. यह नियमावली कई कमियों और खामियों से भरी हुई है. इस नियमावली के अधीन नियुक्त होने वाले शिक्षकों को पूरी सेवा अवधि में बिना प्रोन्नति के कार्य करना होगा. जिलाध्यक्ष जमशेद आलम की अध्यक्षता में एवं धरना का संचालन जिलाध्यक्ष शिवेंद्र कुमार तिवारी के नेतृत्व में किया गया.

"सरकार के नई शिक्षक बहाली नियमावली 2023 के खिलाफ आंबेडकर चौक के पास प्रदर्शन किया गया. हमारी मांग है कि पूर्व से कार्य सभी शिक्षकों और पुस्तकालय अध्यक्ष की सेवा अनुभव के आधार पर राज्यकर्मी घोषित किया जाए. सभी शिक्षक पात्रता एवं दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण है. इसलिए किसी दूसरी परीक्षा की आवश्यकता नहीं है.".- जमशेद आलम, जिलाध्यक्ष

दूसरी परीक्षा की आवश्यकता नहीं : शिक्षकों ने कहा की अभी भी अपमानजनक वेतनमान के बावजूद 20 वर्षों से गुणात्मक विकास कर रहे हैं. इतने दिनों बाद भी सरकार को यह लगता है की जो आयोग की परीक्षा देगा. वहीं शिक्षा में गुणात्मक विकास करेगा. यह सोच हास्यास्पद है. हम लोगों की मांग है कि पूर्व से कार्य सभी शिक्षकों और पुस्तकालय अध्यक्ष की सेवा अनुभव के आधार पर राज्यकर्मी घोषित किया जाए. सभी शिक्षक पात्रता एवं दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण है. इसलिए किसी दूसरी परीक्षा की आवश्यकता नहीं है.

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