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बड़ी बिल्डिंग वाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुविधाओं के मामले में है गरीब, केवल सर्दी-खांसी का होता है इलाज

26 जनवरी 2018 को इसी भवन का स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने उद्घाटन कर दिया. समारोह में स्वास्थ्य मंत्री ने ट्रामा सेंटर बनाने की घोषणा भी की थी, लेकिन अब तक प्राथमिक उपचार के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई.

समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

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Published : May 18, 2019, 3:24 PM IST

गोपालगंज: जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर सिधवलिया प्रखंड के पकड़ी झंझवा में बना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. इसे प्रशासनिक उदासीनता कहें या विभागीय लापरवाही. निर्माण के बाद आज तक इस केंद्र में मरीजों के लिए मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा सकी हैं.

यहां मरीजों के लिए कई तरह की सुविधा उपलब्ध कराई जानी थी. लेकिन समय बढ़ता गया और मरीजों के लिये सुविधाओं के दावे हवा-हवाई साबित हुये. इस स्वास्थ्य केंद्र में अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे समेत कई तरह के जांच करने व मुफ्त दवा वितरण करने की योजना तैयार की गई थी. साथ ही ट्रामा सेंटर बनाने की भी घोषण की गई थी. लेकिन आज तक यहां एक डॉक्टर से ज्यादा चिकित्सकों को नहीं भेजा जा सका और ना ही मरीजों को मिलने वाली सुविधा उपलब्ध कराई जा सकी.

गोपालगंज से अटल बिहारी की रिपोर्ट

2015 में हुआ था शिलान्यास

बताया जाता है कि केंद्र सरकार ने इसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में परिवर्तित कर दिया था. जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने तत्कालीन डीएम कृष्ण मोहन को सामुदायिक स्वास्थ्य के लिए जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. डीएम ने जिला परिषद के खाली पड़े 5 एकड़ जमीन को स्वास्थ्य विभाग को स्थानांतरित करने को लेकर तत्कालीन डीडीसी सुनील कुमार को निर्देश दिया. इसके बाद जिला परिषद की 5 एकड़ जमीन स्थानांतरित कर दी गई. तत्कालीन जदयू विधायक मंजीत कुमार सिंह ने मार्च 2015 में इसका शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से कराया.

2018 में हुआ उद्घाटन

यहां केंद्र सरकार ने 30 बेड और 42 स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा देने का मापदंड निर्धारित किया था. वहीं स्वास्थ्य केंद्र में बिना डॉक्टर नर्स, कंपाउंडर, एंबुलेंस के ही 2017 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के संवाद भवन से रिमोट द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन किया था. 26 जनवरी 2018 को इसी भवन का स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने उद्घाटन कर दिया. समारोह में स्वास्थ्य मंत्री ने ट्रामा सेंटर बनाने की घोषणा भी की थी, लेकिन दुर्भाग्य की बात ये है कि इसके बावजूद मरीजों के प्राथमिक उपचार के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई.

बड़ी बीमारी में जाना पड़ता है शहर

इस संदर्भ में स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां मरीजों को कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. कभी-कभार डॉक्टर बैठते हैं तो सिर्फ सर्दी-खांसी-बुखार की दवा लिख देते हैं. बड़ी बीमारी होने पर शहर ले जाना पड़ता है. वहीं अस्पताल में तैनात एक डॉक्टर ने बताया कि इस केंद्र में कोई सुविधा नहीं है. सिर्फ एक मैं ही यहां ड्यूटी करता हूं.वहीं सिविल सर्जन नंदकिशोर प्रसाद ने कहा कि मैन पावर के कमी के कारण यहां मरीजों को सुविधायें नहीं मिल पा रही हैं.

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