गोपालगंज: राज्य सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए पानी की तरह पैसे बहा रही है. बावजूद इसके इन सेवाओं में कोई सुधार नहीं हो रहा है. ताजा मामला माझा प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है.
डॉक्टरों की घोर कमी
इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाएं तो हैं, लेकिन स्टाफ और डॉक्टरों की घोर कमी है. यहां सिर्फ एक ही डॉक्टर है, जो हर मरीज का इलाज करता है. अगर किसी मरीज की हालत गंभीर होती है तो उसे तत्काल सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है.
विभागीय उदासीनता झेल रहा मार
इस स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य की जांच समेत कई तरह की सुविधा मुहैया कराने की योजना थी. लेकिन विभागीय उदासीनता और सरकार की निरंकुशता के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अपना अस्तित्व तलाश रहा है.
संवाददाता अटल बिहारी की रिपोर्ट सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं
बता दें कि स्वास्थ्य केंद्र को एक साल पहले हेल्थ एंड वेलनेस के रूप में परिवर्तित कर दिया गया था, जिसमें कई तरह के मरीजों को सुविधाओं के लिए लंबा बोर्ड लगा है. लेकिन सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ नहीं मिलता. जांच घर में हमेशा ताले लगे रहते हैं.
एक डॉक्टर से संचालित होता है स्वास्थ्य केंद्र
इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तीन डॉक्टर और दो एएनएम पदस्थापित हैं, लेकिन पदस्थापना के बाद से दो चिकित्सक गायब हैं. एक डॉक्टर के बल पर यह स्वास्थ्य केंद्र संचालित हो रहा है.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
इस मामले में सिविल सर्जन डॉ नंदकिशोर सिंह ने बताया कि इस अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है. इसके लिए कई बार विभाग को पत्र भी लिखा गया है. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
क्या कहते हैं डॉक्टर
यहां के डॉक्टर संतोष कुमार ने कहा कि यहां स्टाफ की कमी है. एक ही डॉक्टर सभी मरीजों की देखभाल करता है. अगर इस स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ और डॉक्टरों की तैनाती होती तो यहां की व्यवस्था और बेहतर होती.