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गोपालगंज : लॉकडाउन के सन्नाटे के बीच मनाई गई अंबेडकर जयंती - बाबा साहब

संविधान के रचय‍िता, समाज सुधारक और महान नेता अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव महू में हुआ था. उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.

अम्बेडकर
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Published : Apr 14, 2020, 7:49 PM IST

गोपालगंज: संविधान के रचयिता और देश के पहले न्याय एवं कानून मंत्री डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर जिला अधिकारी एवं सदर एसडीओ ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया. इस दौरान सभी ने उन्हें याद किया.

बाबा साहब को नमन

भारतीय संविधान के रचयिता और आजाद देश के पहले कानून एवं न्याय मंत्री डॉ. भीमराव की जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई. जिला अधिकारी अरशद अजीज व सदर एसडीओ ने अम्बेडकर भवन स्थित बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. लॉक डाउन की वजह से इस बार जिले में कोई भी कार्यक्रम नहीं करने का आदेश जारी है. इस वजह से सिर्फ माल्यार्पण किया गया, वो भी सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए.

DM व SDO ने किया माल्यार्पण

देश के नाम खुद को समर्पित किया

बाबा साहब ने अपना पूरा जीवन देश के नाम अर्पित कर दिया. वह समाज में दलित वर्ग को समानता दिलाने के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे. उनके विचारों ने लाखों युवाओं को प्रेरित किया. उनके कुछ विचार यहां उल्लेखित किए जा रहे हैं जो मुश्किल वक्त में भी संघर्ष का साहस देते हैं-

  • 'वे इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास को भूल जाते हैं.'
  • 'मुझे वो धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है.'
  • 'धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए.'
  • 'मैं एक समुदाय की प्रगति को उस डिग्री से मापता हूं जो महिलाओं ने हासिल की है.'
  • 'शिक्षित बनो, संगठित रहो और उत्तेजित बनो.'

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