गोपालगंज: बिहार विधानसभा के उपचुनाव (Bihar By Election 2022) में AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी) ने गोपालगंज में अपने प्रत्याशी अब्दुल सलाम उर्फ असलम मुखिया के पक्ष में प्रचार किया. इस दौरान AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान (AIMIM spokesperson Waris Pathan) पहुंचे हुए थे. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने मुस्लिमों के खिलाफ जंग छेड़ दिया है. माइनॉरिटी को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है. सेक्युलर की दुहाई देने वाली भी कई दल शामिल हैं.
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दरअसल, एआईएमआईएम प्रवक्ता वारिस पठान ने थावे रोड स्थित पार्टी कार्यालय में प्रेस को सम्बोधित किया. पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए उप चुनाव में अपने प्रत्याशी के पक्ष में वोट करने की अपील की. साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव के दौरान वोटों का धुर्वीकरण करती है. मुसलमान हमेशा धर्म निरपेक्ष ताकतों का समर्थन किया है. एआईएमआईएम तुष्टिकरण एवं भाजपा के खिलाफ लड़ती है, तो उसे भाजपा की बी एवं सी टीम का उदाहरण दिया जाता है.
''बिहार में 18 फीसदी अल्पसंख्यक में मात्र पांच मंत्री हैं. आरजेडी का असली चेहरा दुनिया के सामने लाना जरूरी है. जो पार्टी के फाउंडर मेम्बर, पांच बार सांसद और दो बार विधायक रहा है उसके इंतकाल के बाद भी राजद का कोई सदस्य उनके परिवार को दिलासा देने नहीं गया. जो पार्टी अपने इतने कदावर नेता की इस तरह उपेक्षा करती है वह पार्टी दूसरे कार्यकर्ता के बारे में क्या सोच सकती है. आप खुद समझ सकते हैं. हम संविधानिक तौर पर मुस्लिम के हक की बात करते हैं तो हम ए और बी टीम के नाम से जाने जाते हैं''-वारिस पठान, राष्ट्रीय प्रवक्ता, AIMIM
वारिस पठान ने कहा कि नाम रखने से मेरी पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ता. हम माइनॉरिटी के हक के लिए सदा लड़ते रहेंगे. सूबे के मुख्यमंत्री रहे अब्दुल गफूर साहब के नाम पर उनके जिले में ना एक भी स्कूल ना, विश्विद्यालय न ही कोई सड़क या महाविद्यालय स्थापित किया गया. यह उपेक्षा नहीं तो क्या है? वारसि पठान ने महागठबंधन की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस जिले में कई शुगर मिल बंद पड़ी हैं. शिक्षा व रोजगार की व्यवस्था चरमरा चुकी है. उन्होंने कहा कि हम संविधान का कत्ल नहीं करते. हम हिन्दू, सिख व इसाई सभी वर्ग के हक की बात करते हैं.