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ग्राउंड रिपोर्ट: राबड़ी के गांव में स्वास्थ्य केंद्र रहता है बंद, 'दिन दिखाकर' खुलता है ताला

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के गांव सेलार कलां में अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र पर लोगों को चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिलती है.  राबड़ी देवी के पहल पर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने के लिए मकान किराए पर लिया गया था. लेकिन तब से लेकर आज तक भवन बंद है.

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Published : Jun 24, 2021, 12:26 PM IST

Updated : Jun 24, 2021, 3:08 PM IST

राबड़ी देवी के गांव में अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र रहता है बंद
राबड़ी देवी के गांव में अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र रहता है बंद

गोपालगंज: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad yadav) की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ( Former CM Rabri Devi ) के पैतृक गांव सेलार कलां के लोग स्वास्थ सुविधाओं से वंचित हैं. कोरोना काल में इस गांव के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त करने के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. गांव में बने अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र में लोगों को चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिलती है.

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इलाज के लिए दर-दर भटकते लोग
दरअसल, जिले के ग्रामीण इलाकों में संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है. वहीं राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बहाल करने के लिए रोज-रोज नए आंकड़े दे रही है. लेकिन इन आकड़ों में राबड़ी देवी के गांव गोपालगंज जिले के सेलार कलां में स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरकार के आंकड़ों का पोल खोलता हुआ नजर आ रहा है.

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वर्ष 2006 में सेलार कलां गांव निवासी जयंत कुमार सिंह के दादा ने अपने मकान को राबड़ी देवी के पहल पर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने के लिए किराए पर दिया था. जिसमें 6 बेड का अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किया गया था. ताकि सेलार कलां गांव के लोगों को पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधा मिल सके. लेकिन तब से लेकर आज तक भवन बंद है. सिर्फ अस्पताल के नाम पर एक कमरे को स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा कभी-कभी खोला जाता है और हाजरी बनाकर पुनः उसमें ताला बंद कर चले जाते हैं.

जबसे बना अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र तभी से रहता है बंद

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स्वास्थ्य केंद्र में लगा रहता है ताला
वहीं स्थानीय लोगों की माने तो यह अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कभी खुलता ही नहीं है और ना ही यहां पर कोई स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पाती हैं. कोरोना काल में जहां हर ओर टीकाकरण और जांच के लिए व्यवस्थाएं की गई हैं वहीं सेलार कला गांव में टीकाकरण और जांच की व्यवस्था नहीं होने के कारण यहां से कई किलोमीटर दूर जाकर या तो जांच कराना पड़ता है या फिर टीकाकरण करवाना पड़ता है.

जबसे बना अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र तभी से रहता है बंद

'एक माह तक बंद रहा, क्योंकि सभी स्वास्थ्यकर्मी और डॉक्टरों को हथुआ कोविड सेन्टर प्रतिनियुक्ति की गई थी, लेकिन यह फिर से सुचारू रुप से चलेगा.' - राजन कुमार, डॉक्टर

ऐसे में यह गांव स्वास्थ सुविधाओं से वंचित है. स्थानिय लोगों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के कार्यकाल में काफी कुछ कार्य हुआ. लेकिन सरकार गिर जाने के कारण अब कोई कार्य नहीं हो रहा है.

'2006 में हमारे दादा ने अपना मकान किराये पर 6 बेड के लिए अतिरिक्त स्वस्थ्य केन्द्र खोलने के लिए दिया था लेकिन तब से यह खुला ही नहीं. साथ ही हमारा आज तक किराया नहीं मिल सका है. अब तक तीन लाख रुपये से ज्यादा पैसे बकाया है. प्रखण्ड से लेकर जिला मुख्यालय तक दौड़ लगाई लेकिन आज तक किसी ने नहीं सुनी.': जयंत कुमार, मकान मालिक

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के गांव सेलार कलां

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स्वास्थ्य विभाग का हाल-बेहाल
इस अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 8 हजार की आबादी इलाज के लिए निर्भर है. लेकिन यहां इलाज नहीं मिलने से लोगों को सिवान जाना पड़ता है या फिर मीरगंज. वहीं इस अस्पताल में डॉक्टरों की कुल स्वीकृत पद 2 है लेकिन वर्तमान में एक ही कार्यरत हैं. एएनएम का पद दो है. वहीं जीएनएम का एक पद स्वीकृत है लेकिन यह पद रिक्त है. अब ऐसे में किस हाल में यहां के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी. इसका अंदाजा खुद ही लगाया जा सकता है.

Last Updated : Jun 24, 2021, 3:08 PM IST

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