गोपालगंजःबिहार के दो जिलों में जहरीली शराब (Poisonous liquor) से मौत के बाद पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी में जुटी है. इसी बीच गोपालगंज के खुजरबानी शराब कांड (khujarbani liquor case) के मुख्य आरोपी और शराब सप्लायर रूपेश शुक्ला को पुलिस ने सिवान के बबुनिया मोड़ के पास से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपित को पुलिस नगर थाना लेकर पहुंची है. जहां उससे पूछताछ की जा रही है.
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नगर थाना क्षेत्र के खुजरबानी मोहल्ले में करीब 5 साल पहले अगस्त 2016 में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. जबकि शराब कांड का एक नामजद आरोपी सिवान जिले के जामो थाना क्षेत्र के जलालपुर गांव निवासी रूपेश शुक्ला उर्फ पंडित फरार चल रहा था. इस मामले में पुलिस ने फरार रूपेश शुक्ला उर्फ पंडित की गिरफ्तारी के लिए कई दिनों तक छापेमारी अभियान भी चलाया था, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी.
इसी बीच एसपी आनंद कुमार को सूचना मिली की खुजरबानी शराब कांड का एक आरोपी रूपेश शुक्ला सिवान में रह रहा है. जिसके बाद सदर एसडीपीओ संजीव कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर सिवान में छापेमारी की गई. छापेमारी के दौरान पुलिस ने सिवान शहर के बबुनिया मोड़ के समीप से उसे गिरफ्तार कर लिया.
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दरअसल, 16 अगस्त 2016 को गोपालगंज के वॉर्ड नंबर-25 स्थित खुजरबानी मोहल्ले में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत हुई थी. मरने वाले सभी गरीब परिवारों के थे. जहरीली शराब की वजह से कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी. सबसे ज्यादा मौतें नोनिया टोली, पुरानी चौक और हरखुआं मोहल्ले में हुई थी. बिहार के इस चर्चित खुजरबानीशराबकांड के 9 दोषियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी और 4 महिलाओं को उम्रकैद हुई थी. अब जबकि गोपालगंज में एक बार फिर जहरीली शराब से मौत के बाद पुलिस पर दबाव बढ़ा तो खुजरबानी मामले के फरार चल रहे आरोपी की गिरफ्तारी की गई है.
बता दें कि बीते कुछ दिनों में शराब पीने से मुजफ्फरपुर, गोपालगंज और बेतिया में करीब 40 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब से होने की बात कही जा रही है. हाल के इन मामलों में हो हंगामे के बीच पुलिस ने आपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू भी कर दी है. स्थानीय थानाध्यक्ष और चौकीदार को निलंबित करते हुए कई लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है. जहरीली शराब पीने से बीते तीन से चार दिनों में राज्य में 40 से ज्यादा लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं. इन मौतों के बाद पूर्ण शराबबंदी कानून और बिहार पुलिस पर लगातार सवालिया निशान लग रहे हैं.