गोपालगंज के 52 गांव बाढ़ से प्रभावित, नहीं पहुंची प्रशासनिक सहायता - floods in bihar
गोपालगंज के 52 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. हालात ऐसे हैं कि लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए घर छोड़ चुके हैं. ग्रामीणों की मानें, तो उनका घर डूब चुका है और राशन पानी सब गीला हो गया है.
गोपालगंज में बाढ़
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Published : Jul 15, 2020, 6:45 PM IST
गोपालगंजः बिहार की कई नदियां इन दिनों उफान पर हैं. ऐसे में ईटीवी भारत लगातार ग्राउंड जीरो से ताजा हालातों के बारे में रूबरू करवा रहा है. बात करें गोपालगंज की, तो यहां नदियों के बढ़े जलस्तर से कुल 52 गांव प्रभावित हैं.
वाल्मीकि नगर बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी से गंडक नदी उफान पर है. नदी के तेज बहाव से कटान तेजी के साथ हो रही है. गोपालगंज के 6 प्रखंडों के 52 गांवों की 25 हजार की आबादी प्रभावित हुई है. दियारा इलाकों में बसे इन गांवों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल चुका है. इसके चलते लोगों की समस्याएं बढ़ने लगी हैं. कुछ लोग गांव छोड़ कर पलायन भी कर चुके हैं, तो अधिकांश लोग आज भी बाढ़ के पानी के बीच गुजर बसर कर रहे हैं.
गोपालंगज से अटल बिहारी पांडेय की रिपोर्ट
नहीं पहुंची प्रशासनिक सुविधा बाढ़ से प्रभावित हो रहे लोगों के पास अभी तक प्रशासनिक सुविधाएं नहीं पहुंच पाई है. दूसरी तरफ गंडक लगातार अपना रौद्र रूप धारण करते नजर आ रही है. नदी खतरे के निशान से 8 मीटर ऊपर बहर रही है. इसके चलते प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर रखा है.
चारों ओर पानी ही पानी
गांव के लोग हो रहे परेशान गोपालगंज में पिछले 5 दिनों से लगातार जलस्तर में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है. जल स्तर बढ़ने के कारण नदी का पानी कुचायकोट, बरौली, गोपालगंज, सिंधवलिया और बैकुंठपुर के अलावा माझा प्रखंड के कई गांव में प्रभावित हुए हैं. मंगलवार की सुबह वाल्मीकि नगर बैराज से 3 लाख 39 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इससे नदी में पानी के बहाव की रफ्तार और भी तेज होने के कारण जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है.
मवेशियों को बचाने की जद्दोजहद
ग्रामीणों का दर्द गांव के पप्पू यादव ने बताया, 'जान बचाकर निकल रहे हैं. राशन पानी सबकुछ भींग चुका है. किसी तरह बस जी रहे हैं.' वहीं, सतन कहते हैं, 'कुछ खाने-पीने को नहीं मिल रहा है. मुखिया इधर-उधर जाने को कहने के लिए कह रहे हैं.' गांव की एक महिला सुनीता कहती हैं कि घर डूब गया है. ऊंचे स्थानों में शरण ले रहे हैं लेकिन राशन गीला पड़ा है उसे सुखा रहे हैं.
घर की छतों पर पहुंचे लोग
कुचायकोट प्रखंड: काला मटिहानीया, रूप सागर सलेमपुर, जमुनिया गम्हरिया