गया:शेरघाटी मिठाई के मामले में काफी मशहूर है. दीपावली के मौके पर गांव में इसकी खरीदारी हो रही है. जबकि प्याऊ का अपना एक इतिहास है. यहां की प्याऊ मिठाई पूर्व में कई राज्यों तक भेजी जाती है. प्याऊ को व्यापारिक महत्व भी प्राप्त था. इस पेशे में शहर के दर्जनों पर जुड़े थे.
अंग्रेज काल में मिठाई की मांग
नई बाजार निवासी और दुकान के संचालक संदीप कुमार गुप्ता और रघुवीर प्रसाद बताते हैं कि शेरघाटी प्याऊ मिठाई के मामले में मशहूर था. दादा परदादा की जुबानी कही जाती थी कि अंग्रेज काल में इस मिठाई की मांग काफी होता रही है. उर्दू शायर और लेखक नवाब ने भी अपने चर्चित पुस्तक शेरघाटी का संक्षिप्त परिचय में इस मिठाई की चर्चा करना उचित समझा है.
दूसरे प्रदेश से आते थे लोग
103 वर्ष पुराना शेरघाटी गोला बाजार के एक स्वीट्स के संचालक दिलीप प्रसाद गुप्ता बताते हैं कि हमारे दादा की जुबानी कही जाती थी कि इस मिठाई के लिए दूसरे प्रदेश से लोग शेरघाटी आते हैं. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्याऊ मिठाई कितनी मशहूर थी.