गया: हैदराबाद की घटना से पूरा देश आक्रोशित है. देश के हर कोने से आरोपियों को फांसी देने की मांग की जा रही है. कई जगह पर कैंडल मार्च निकाला जा रहा है. श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जा रहा है. इस दौरान में गया में महिलाओं ने तलवार से अर्पित कर पीड़िता को श्रद्धांजलि दी.
देश भर में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा है. 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में निर्भया कांड हुआ था. उस वक्त भी पूरा देश आक्रोशित था. हर तरफ से फांसी और न्याय देने की आवाज उठाई जा रही थी. लेकिन इस घटना के सात साल गुजर जाने के बाद भी इन पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हुई.
तलवार से दी श्रद्धांजलि
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में भी एक महिला की दुष्कर्म के बाद जलाकर उसकी हत्या कर दी गई. मामले में आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया. देश का वर्ग उन आरोपियों को फांसी देने की मांग कर रहा है. इस क्रम में गया में महिलाओं ने ने तलवार और खंजर अर्पित कर पीड़िता को श्रद्धांजलि दी.
महिलाएं हैं सबल
महिलाओं के लिए काम करनेवाली सत्यवती देवी बताती है कि वात्सली निर्भया शक्ति संस्था द्वारा पीड़िता को फूल और मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि नहीं दे रहे बल्कि तलवार और खंजर से दे रहे हैं. ताकि समाज में यह संदेश जाए कि महिलाएं निर्बल नहीं हैं, महिलाएं सबल हैं.
ईटीवी संवाददाता की रिपोर्ट आत्मरक्षा के लिए करना होगा तैयार
वात्सली निर्भया शक्ति संस्था की सदस्या ने कहा कि देस में इस तरह की घटनाएं अन्य किसी के सात न हो इसके लिए लोगों के बीच जागरूकता लाने की जरूरत है. साथ ही लड़कियों को आत्मरक्षा के लिए तैयार करना होगा. सभा में पहुंची एक महिला ने बताया इस घटना से हमलोग सदमे में हैं. इस देश की महिलाएं हर जगह खुद को असुरक्षित समझती हैं. इसलिए अब बेहद जरूरी है कि इस डर को खत्म किया जाए.
मन में किसी अनहोनी का डर
वहीं, एक छात्रा ने कहा कि जब आरोपी की पहचान हो गई है और उसने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया है तो फिर देरी किस बात की हो रही है. उन आरोपियों को सीधे फांसी क्यों नहीं दिया जा रहा है? अगर उन्हें तुरंत फांसी की सजा दी जाती को अन्य कोई भी व्यक्ति इस तरह की घटना को अंजाम देने से पहले कई बार सोचेगा. छात्रा ने बताया कि इस तरह की घटनाएं सामने आने के करण महिलाओं के मन में डर बैठ गया है. छात्राओं को कॉलेज, कोचिंग, बाजार किसी भी जगह जाने में डर लगता है. उनके मन में हमेशा डर बैठा रहता है कि न जाने कब कैसी अनहोनी हो जाएगी.
महिलाओं को आना होगा आगे
एक अन्य महिला ने बताया कि इस कानून में बड़े बदलाव की जरूरत है. साथ ही ऐसी गंदी मानसिकता वाले लोगों को जागृत करने की भी जरूरत है. तभी देश के किसी भी कोने से महिलाए सुरक्षित बाहर निकल सकती हैं. संस्था की महिलाओं ने बताया कि अब समय आ गया है कि महिलाओं को खुद अपने लिए खड़ा होना पड़ेगा. इस देश की न्यायिक प्रक्रिया में बहुत वक्त लगता है. उसके लिए अब इंतजार नहीं किया जा सकता है.