गया:हीट स्ट्रोक के कारण गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान 12 लोगों की मौत हो गई. जबकि 40 अभी भी बीमार हैं. इनका इलाज किया जा रहा है. लू के कारण 7 गया जिले के, दो औरंगाबाद के, एक शेखपुरा, एक नवादा और झारखंड के चतरा जिले के एक व्यक्ति की मौत हुई है.
गया के डीएम अभिषेक सिंह ने बताया कि यह एक प्राकृतिक आपदा है. अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों का इलाज किया जा रहा है. कोशिश की जा रही है कि उनके शरीर की बढ़ी हुई तापमान को सामान्य किया जाए. उन्होंने बताया कि मरीजों के इलाज के लिए वरीय चिकित्सकों की टीम लगाई गई है. उन्होंने कहा कि इस आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों को 4 लाख मुआवजा दिया जायेगा. साथ ही लोगों को लू से बचने की सलाह दी. मगध मेडिकल कॉलेज में एक हेल्प डेस्क लगाया जा रहा है. यहां से मरीजों के परिजन सूचना प्राप्त कर सकेंगे. वहीं, गया सदर एसडीओ यहां पर लगातार कैम्प कर रहे हैं.
तेज बुखार के कारण जा रही जान
बता दें कि पिछले 2 दिनों से रात में उमस भरी गर्मी और दिन में गर्म हवाओं के थपेड़ों के कारण मरीजों की जान गई है. बीते दिनों तापमान में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. सिविल सर्जन ने बताया कि लू लगने पर मरीज के शरीर का तापमान अचानक बढ़ जाता है. उन्हें 107 से 108 डिग्री तक का बुखार होता है और यही कारण है कि वो असमय मौत का शिकार हो जाते हैं.
मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख का मुआवजा
गौरतलब है कि औरंगाबादजिले में भीषण गर्मी और लू लगने से 32 लोगों की मौत हो गई. वहीं, दूसरी ओर नवादा में भी 7 लोगों की मौत हो गई. औरंगाबाद, गया और नवादा में हुई मौत पर मुख्यमंत्री ने गहरी संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में हम पीड़ित परिवारों के साथ हैं. मुख्यमंत्री ने मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख रूपये अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश दिया है. इस भीषण गर्मी और लू के मद्देनजर जरूरी कदम उठाने के भी निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने इससे प्रभावित लोगों के लिए जल्द हरसंभव चिकित्सीय सहायता की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. मरीजों के जल्द स्वस्थ होने के लिए ईश्वर से प्रार्थना भी की है.
तेजी से बढ़ रही थी मरीजों की तादाद
मरीज के परिजनों के अनुसार मौत के लिए सदर अस्पताल प्रशासन भी जिम्मेदार है. अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं का भारी अभाव था. शनिवार को डॉक्टरों की कमी और अनुपलब्धता से नाराज लोगों ने हंगामा किया. शाम में एक डॉक्टर अमित कुमार वर्मा ड्यूटी पर थे और अस्पताल पहुंचने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही थी.
परिजनों ने किया हंगामा
डॉक्टरों की गैरमौजूदगी में एक-एक कर लोगों की मौत होने लगी, जिसके बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया. डॉक्टरों की कमी के कारण इलाज शुरू करने में भी देरी हो रही थी, जिससे भड़के लोगों ने हंगामा किया. बाद में जानकारी मिलने पर सिविल सर्जन डॉ. सुरेन्द्र प्रसाद सिंह सदर अस्पताल पहुंचे और 4-5 अन्य डॉक्टर भी आ गए.