गया: बिहार की धार्मिक नगरी गया में कोरोना की महामारी चरम सीमा पर है. कोरोना मरीजों की संख्या में दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है. कोरोना की दूसरी लहर में ज्यादातर मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है. जिले में देखते-देखते ऑक्सीजन की मांग 50 गुना अधिक हो गयी है. जिला प्रशासन ने आम लोगों के लिए ऑक्सीजन लेने के लिए कूपन व्यवस्था लागू कर दिया है. कूपन व्यवस्था के कारण आम मरीजों के परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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बनाया गया ऑक्सीजन कोषांग
दरअसल, जिला प्रशासन ने ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी और स्टोरेज को रोकने के लिए कोषांग बनाया है. जिसके तहत निजी तौर पर किसी को ऑक्सीजन आवश्यकता है तो वे ऑक्सीजन कोषांग से ऑक्सीजन कूपन लेकर ही रिफिल करवा सकते हैं. जिला प्रशासन की इस व्यवस्था से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है. उन्हें एक छोटा सिलेंडर रिफिल करवाने में 5 से 6 घंटे लग जा रहे हैं.
लाइन में लगते हैं चार से पांच घंटे
समाहरणालय स्थित ऑक्सीजन कोषांग में ऑक्सीजन रिफिल के लिए कूपन लेने आये गुलाम सरवर ने बताया कि मेरे मरीज को 24 घंटे के ऑक्सीजन की आवश्यकता है. पहले एक से दो घंटे लाइन में लगने पर ऑक्सीजन मिल जाता था. लेकिन अब ऑक्सीजन रिफिल करने के लिए कूपन का व्यवस्था कर दी गई है. यहां कूपन लेने के लिए 4 से 5 घंटे का समय देना पड़ता है. फिर रिफिल जहां होता है, वहां दो घंटे वक्त दीजिए. तब जाकर एक छोटी सिलेंडर रिफिल होती है. ये व्यवस्था थकाऊ और मरीज को मारनेवाला है.