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बोधगया में ट्रैफिक पुलिस चेक पोस्ट का किया गया उद्घाटन - ट्रैफिक पुलिस चेक पोस्ट

भगवान बुद्ध की पावन ज्ञान भूमि बोधगया के नौलखा मंदिर के पास स्थित पर्यटक चेकपोस्ट का जीर्णोद्धार नागरिक विकास मंच की ओर से कराया गया है. जिसके बाद ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को सुपुर्द किया गया.

बोधगया
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Published : Sep 15, 2020, 8:53 PM IST

गया(बोधगया): जिले के नौलखा मंदिर के पास स्थित ट्रैफिक चेकपोस्ट का जीर्णोद्धार नागरिक विकास मंच की ओर से कराया गया. जिसके बाद ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को सुपुर्द किया गया. इसका उद्घाटन बोधगया के विधायक कुमार सर्वजीतत ने फीता काटकर किया.

‘श्रद्धालुओं को होती थी दिक्कत’
इस मौके पर राजद विधायक कुमार सर्वजीत ने कहा कि पहले यह चेक पोस्ट काफी दूर था. जिसकी वजह से लोगों को पैदल ही विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर तक आना पड़ता था. इससे पर्यटकों और श्रद्धालुओं को काफी दिक्कत होती थी. हमने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया था कि चेक पोस्ट को और नजदीक लाया जाए. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद इस चेक पोस्ट को नौलखा मंदिर के पास स्थापित किया गया, लेकिन चेक पोस्ट बनने के बाद पुलिस कर्मियों के बैठने के लिए कुर्सी, पेयजल और शौचालय की व्यवस्था नहीं थी,

लेकिन बोधगया के स्थानीय लोगों के द्वारा उक्त सभी चीजों की व्यवस्था करने के बाद पुलिसकर्मियों को सुपुर्द किया जा रहा है. राजद विधायक ने कहा कि इससे यह संदेश जाता है कि बोधगया शांति और आपसी भाईचारा की भूमि है. इसी उद्देश्य के साथ आज हम लोगों ने चेक पोस्ट को जीर्णोद्धार में बाद पुलिसकर्मियों के सुपुर्द किया है.

‘सभी चीजों की की गई है व्यवस्था’
वहीं बोधगया नागरिक विकास मंच के अध्यक्ष सुरेश सिंह ने कहा कि कई दिनों से हम लोग देख रहे थे कि पुलिसकर्मी कड़ी धूप और बरसात में खड़े होकर यहां चेकपोस्ट पर अपनी ड्यूटी कर रहे थे. जिसके बाद मंच के सदस्यों ने बैठक कर निर्णय लिया कि हम लोग इसका जीर्णोद्धार कराएंगे. इसके लिए जिलाधिकारी को आवेदन दिया गया था, लेकिन किसी कारणवश प्रशासन द्वारा इसका जीर्णोद्धार नहीं हो सका.

इसके बाद हम लोगों ने शेड का निर्माण, शौचालय, पेयजल, पुलिसकर्मियों के बैठने की कुर्सी व चौकी की व्यवस्था की है, ताकि उन्हे ड्यूटी करने में कोई दिक्कत न हो. उन्होंने कहा कि यह देखा जाता था की चेकिंग के दौरान वाहनों की लंबी कतार लग जाती थी. ऐसे में जिन लोगों के वाहनों की चेकिंग की जाती थी, उन्हें बैठने और पानी पीने के लिए नहीं मिलता था. जिसके बाद यहां सभी चीजों की व्यवस्था की गई है.

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