गया: देशभर में कोरोना वायरस से बचाव को लेकर लागू लॉकडाउन में पर्यटन उधोग को ध्वस्त कर दिया है. पर्यटन उधोग से जुड़े हर शख्स व व्यवस्था मुश्किलों में है. बिहार के बोधगया में पर्यटन सीजन में पर्यटन उद्योग बिल्कुल ठप पड़ा हुआ है. बोधगया टूरिस्ट गाइड इन दिनों बेरोजगारी का आलम झेल रहे है. अपना जीवनयापन ट्यूशन पढ़ाकर कर रहे है.
गया: पर्यटन सीजन में कई टूरिस्ट गाइड हुए बेरोजगार, ट्यूशन पढ़ाकर कर रहे हैं गुजारा
बिहार के बोधगया में पर्यटन सीजन में पर्यटन उद्योग बिल्कुल ठप पड़ा हुआ है. बोधगया टूरिस्ट गाइड इन दिनों बेरोजगारी का आलम झेल रहे है. वे अपना जीवनयापन ट्यूशन पढ़ाकर कर रहे है.
एक रूपए के मोहताज बन गए टूरिस्ट गाइड
दरअसल देशभर में कोरोना से बचाव को लेकर कई महीनों तक लॉकडाउन लागू कर दिया गया था. जिसके वजह से देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट आयी है. वहीं, पर्यटन उधोग एक तरह से ध्वस्त हो चुका है. बिहार के बोधगया में पर्यटन सीजन में पर्यटन उधोग बंद पड़ा है. गया में इंटरनेशनल टूरिस्ट के नहीं आने से पर्यटन उधोग पर बुरा प्रभाव पड़ा है. पर्यटन सीजन के दो माह बीतने पर भी टूरिस्ट गाइड एक रुपया की कमाई के लिए मोहताज हो गए हैं.
देशी नहीं विदेशी महमानों के सहारे चलती है टूरिस्टों के जिंदगी की गाड़ी
बिहार टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के उपाध्यक्ष गौतम कुमार बताते है कि पर्यटन सीजन में गाइड के चेहरे पर खुशी रहती थी. इस साल सारी खुशियाँ खत्म होगी है. मार्च माह के बाद से टूरिस्ट गाइड अभी तक बेरोजगार हैं. एक महाबोधि मंदिर खुलने सिर्फ स्थानीय पर्यटक आ रहे है. जब तक इंटरनेशनल टूरिस्ट नहीं आएंगे. तब तक टूरिस्ट गाइडों की जिंदगी पटरी पर नही लौटेगी.
सरकार से पक्का करने की मांग
वहीं, टूरिस्ट गाइड दीपक ने बताया कि हमलोग पंजीकरण टूरिस्ट गाइड है. फिर भी सरकार हमें स्थायी नहीं रखती है. हमे कोई भी वेतन नहीं मिलता है. हम सरकार से मांग करते हैं कि हमलोग को स्थायी किया जाए. वहीं, हमलोग बीते छः माह से ट्यूशन पढ़ाकर जीवन गुजार रहे हैं.