गयाःबिहार के तकरीबन हर शहर मेंमकर संक्रांति पर तिलकुटमिलता है, लेकिन बिहार के गया जिले में मिलने वाले नीरा से बने तिलकुट की बात ही कुछ और है. जी हां, वही नीरा जो ताड़ और खजूर के पेड़ों से निकलता है और सूर्योदय के बाद यह नशीला पदार्थ बन जाता है, जिसे ताड़ी कहते हैं. गया में अब नीरा से ताड़ी नहीं बल्कि तिलकुट बन रहा है, जो लजीज होने के साथ-साथ सेहत के लिए फायदेमंद भी है.
नीरा से ताड़ी नहीं बन रहा तिलकुटः दरअसल बिहार में ताड़ी का उपयोग करने वालों की संख्या लाखों की तादाद में थी, लेकिन सरकार ने वर्ष 2016 से शराबबंदी की और ताड़ी को भी देसी दारू की श्रेणी में रखा गया. ऐसे में गया जिले के बोधगया प्रखंड अंतर्गत ईलरा गांव में ताड़ और खजूर के पेड़ों से निकलने वाले नीरा से अब ताड़ी नहीं बल्कि तिलकुट बनने लगा. नीरा से तिलकुट बनाकर शांति जीविका स्वयं सहायता समूह की सदस्य कुमारी पुष्पा राज और डब्लू कुमार काफी चर्चित हो रहे हैं.
सेहत का खजाना है नीरा तिलकुटः नीरा से बना तिलकुट न सिर्फ स्वादिष्ट और लजीज है, बल्कि यह सेहत के लिए भी कई दृष्टिकोण से फायदेमंद है. विभिन्न बीमारियां जो कि मीठे खाद्य पदार्थों के खाने से बढ़ जाती है, उसे यह कंट्रोल तक करके रखता है. इसे बनाने वाले बताते हैं, कि यह लीवर के विभिन्न रोगों समेत हार्ट, डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है. मकर संक्रांति पर इस तिलकुट की डिमांड बढ़ जाती है.
डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंदःआम तौर पर बाजारों में गुड़-चीनी से बने तिलकुट बेचे जा रहे हैं. इस बीच नीरा से बना तिलकुट भी बाजारों में है. नीरा के बने तिलकुट की डिमांड भी अब अच्छी-खासी है, क्योंकि नीरा की खूबियों को जान कर लोग इसे खाने लगे हैं और इसके स्वादिष्ट और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से फायदे को देखते हुए नियमित तौर पर उपयोग भी करने लगे हैं. नीरा से तिलकुट बनाने की शुरुआत बिहार के गया में पहली बार हुई थी.
बाजारों में नीरा तिलकुट की डिमांड बढ़ीः इस संबंध में नीरा से तिलकुट बनाने वाली कुमारी पुष्पराज बताती हैं कि नीरा से हम लोग तिलकुट बना रहे हैं. नीरा का तिलकुट काफी फायदेमंद होता है. वो बताती हैं कि वह शांति जीविका स्वयं सहायता समूह की सदस्य हैं. कमल पीजी नीरा प्रोडक्ट के तहत नीरा की मिठाइयां बना रही हैं, जिसमें मुख्य रूप से तिलकुट भी है. इस तिलकुट की डिमांड बाजारों में हो रही है.
"नीरा के तिलकुट की डिमांड को देखते हुए इसे सालों भर हमलोग बनाते हैं. बाजारों में उसके बने तिलकुट बेचे जा रहे हैं. कई क्विंटल तिलकुट इस सीजन में बनाकर बेचे जा चुके हैं. ये सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. इसे बनाने में काफी मेहनत लगती है. इससे कई तरह की मिठाईयां भी बनती हैं, लेकिन सबसे फेमस तिलकुट ही है"- कुमारी पुष्पा राज, तिलकुट कारीगर
ऐसे आया तिलकुट बनाने का आइडियाः वहीं, नीरा का तिलकुट बनाने वाले डब्लू कुमार बताते हैं कि नीरा का तिलकुट वे बना रहे हैं. चीनी-गुड़ का तिलकुट बाजारों में बिक रहा है, तो नीरा के बने तिलकुट भी बाजार में उपलब्ध हैं और इसकी बिक्री भी हो रही है. वो बताते हैं कि सीजन खत्म होने के बाद नीरा की बिक्री कम हो गई. नीरा का मुख्य सीजन गर्मी का होता है. ऐसे में नीरा पीने वाले लोग कम हो गए, तो उन्हें इससे तिलकुट बनाने का आइडिया आया. इसके बाद वह नीरा के बने गुड़ से तिलकुट बनाने लगे.