गया: तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामाने बुधवार को बोधगया में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संघ फोरम का शुभारंभ किया. बुद्ध की ज्ञानस्थली से उन्होंने कहा कि दूसरों को सुख पहुंचाकर ही विश्व में शांति लाई जा सकती है. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू मौजूद थे. भारत में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय संघ फोरम में विश्व के तकरीबन 35 देश के करीब 25 सौ बौद्ध धर्म के विद्वान जुटे हैं.
दलाई लामा ने बोधि चित होने का विश्व को दिया संदेश:बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने बोधि चित होने का विश्व को संदेश दिया. उन्होंने कहा कि जीवन की अवधारणा दूसरों को सुख पहुंचाने की होनी चाहिए. यदि हम दूसरों को सुख नहीं पहुंचते हैं, तो जीवन का कोई मतलब नहीं है. हर किसी को बोधि चित का अभ्यास करने चाहिए. हम दूसरों को सुख पहुंचाने का काम करते हैं. बोधि चित का यह संदेश पूरे विश्व में शांति ला सकती है.
बौद्ध धर्म के प्रति बढ़ रहा लगाव:वहीं अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि बौद्ध धर्म के प्रति लोगों का लगाव बढ़ रहा है. कहीं न कहीं बौद्ध धर्म से जुड़कर श्रद्धालु शांति महसूस करते हैं. भगवान बुद्ध के उपदेशों की 21वीं सदी के आधुनिकता में प्रासंगिकता पर चर्चा की. अंतर्राष्ट्रीय संघ फोरम के कार्यक्रम में आज के परिदृश्य में भगवान बुद्ध के उपदेशों की प्रासंगिकता विषय पर मुख्य रूप से बुद्धिस्ट स्काॅलरों ने प्रकाश डाला.
बौद्ध धर्म, पाली और संस्कृत भाषाओं पर हुई चर्चा: इस सम्मेलन में तीन दिनों तक बौद्ध धर्म, पाली और संस्कृत भाषाओं के परंपराओं की आधुनिकता पर चर्चा की जाएगी. अंतर्राष्ट्रीय स्थली बोधगया में इस तरह का पहला आयोजन है. इसमें 21वीं सदी में बौद्ध धर्म के विकसित होने का के संबंध में जानकारी और बौद्ध धर्म की शिक्षा पर पहले दिन चर्चा हुई. 21वीं सदी में बौद्ध धर्म के विकसित होने से संबंधित तथ्यों पर भी बौद्ध धर्म के विद्वान अपना मंतव्य देंगे.